गौतम गंभीर की दरियादिली आयी सामने, भारत में इलाज के लिए 6 साल की पाकिस्तानी बच्ची को वीजा दिलाने में की मदद
पूर्व क्रिकेटर एवं भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने हृदय रोग से ग्रसित सात वर्षीय एक पाकिस्तानी बच्ची को भारत में इलाज कराने के लिए वीजा दिलाने में मदद की है. उन्होंने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर मदद का अनुरोध किया था. विदेशमंत्री एस जयशंकर ने जवाबी पत्र में गौतम गंभीर से कहा कि उन्होंने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग को उमैयमा अली एवं उसके अभिभावकों को जरूरी वीजा देने का निर्देश दिया है.
नई दिल्ली. टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर एवं दिल्ली से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने हृदय रोग से ग्रसित 6 वर्षीय एक पाकिस्तानी बच्ची को भारत में इलाज कराने के लिए वीजा दिलाने में मदद की है. उन्होंने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर मदद का अनुरोध किया था. विदेशमंत्री एस जयशंकर ने जवाबी पत्र में बीजेपी सांसद से कहा कि उन्होंने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग को उमैयमा अली एवं उसके अभिभावकों को जरूरी वीजा देने का निर्देश दिया है.
गौतम गंभीर ने पीटीआई से कहा कि उन्हें लड़की की बीमारी की जानकारी फोन के जरिये पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहम्मद यूसुफ से हाल में मिली थी. इसके बाद उन्होंने एक अक्टूबर को बच्ची की मदद के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा. जयशंकर ने नौ अक्टूबर को जवाबी पत्र में कहा, ‘‘ मैं इस्लामाबाद स्थित उच्चायोग को उमैयमा अली और उसके अभिभावकों को उचित वीजा जारी करने का निर्देश दिया है.’’ यह भी पढे-अनुच्छेद 370: बीजेपी नेता गौतम गंभीर ने पाक के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी को दिया करारा जवाब, कहा- बेटा चिंता मत करो हम पीओके से भी निपट लेंगे
गंभीर ने ट्विटर पर पत्र भी साझा किया है. पूर्वी दिल्ली से सांसद गंभीर ने कविता के रूप में अपनी खुशी का इजहार करते हुए लिखा,‘‘उस पार से एक नन्हे दिल ने दस्तक दी, इस पार दिल ने सब सरहदें मिटा दी।उन नन्हे कदमों के साथ बहती हुई मीठी हवा भी आई है,कभी-कभी ऐसा भी लगता है जैसे बेटी घर आई है।’’
गंभीर ने हृदय की सर्जरी के लिए पाकिस्तानी लड़की और उसके अभिभावकों को वीजा देने के लिए विदेशमंत्री एस जयशंकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद दिया.
गंभीर ने कहा कि 2012 में नोएडा के एक निजी अस्पताल में बच्ची का करीब सात-आठ महीने तक इलाज चला था. डॉक्टरों ने ओपन हार्ट सर्जरी की सलाह दी थी जिसके बाद परिवार उसे वापस पाकिस्तान ले गया था.
(भाषा इनपुट के साथ)