जम्मू-कश्मीर: फारुक अब्दुल्ला ने दी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की धमकी, कहा-35A पर रुख साफ करे मोदी सरकार

पंचायत चुनावों को लेकर अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर में मतदान होने की संभावना है. गौरतलब है कि राज्य में भी राज्यपाल शासन चल रहा है.

फारूक अब्दुल्ला (Photo Credit-ANI)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में रोज-ब-रोज सियासी पारा बढ़ता ही जा रहा है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 35 ए और अनुच्छेद 370 पर अपना रुख साफ नहीं किया तो उनकी पार्टी सिर्फ पंचायत, और विधानसभा चुनाव ही नहीं बल्कि लोकसभा चुनावों का भी बहिष्कार करेगी. फारुक अब्दुल्ला श्रीनगर में आयोजित एक इवेंट में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर मीडिया को भी कटघरे में खड़ा किया.

इससे पहले भी अब्दुल्ला कह चुके है कि केंद्र सरकार को अनुच्छेद 35ए पर अपना रुख साफ करना चाहिए. गत पांच सितंबर को उन्होंने कहा था कि जब तक केंद्र सरकार इस पर अपने रुख को साफ नहीं करती है और राज्य में शांति की कोशिशों को आगे नहीं बढ़ाती है हम इन चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे. यह भी पढ़े-फारूख अब्दुल्ला का बड़ा बयान, नेशनल कॉन्फ्रेंस स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों का करेगी बहिष्कार

उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से कुछ समय पहले मीडिया ने सिद्धू को निशाना बनाया था, उससे ये साफ पता चलता है कि यह भारत-पाकिस्तान रिश्तों में सुधार नहीं चाहता है.

पंचायत चुनावों को लेकर अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर में मतदान होने की संभावना है. गौरतलब है कि राज्य में भी राज्यपाल शासन चल रहा है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान के PM इमरान खान के शपथग्रहण में शामिल होने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू इस्लामाबाद गए थे. इसके लिए देश में सिद्धू की खूब आलोचना हुई थी. यह भी पढ़े-PM मोदी को विधायक जावेद राणा ने बताया मौत का सौदागर और आतंकवादी, वीडियो आया सामने

फारुक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि देश में इस तरह के हालात हैं, ऐसे में भारत और PAK की तरफ से रिश्तों में सुधार के सारे प्रयास विफल हो रहे हैं. इससे दोनों देशों में शांति की राह में बाधा पहुंच रही है. लेकिन जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए भारत-पाकिस्तान (Pakistan) की दोस्ती ज्यादा महत्वपूर्ण है.

फारुक ने आगे कहा कि किसी मुस्लिम और ईसाई ने आज तक धर्म परिवर्तन को बढ़ावा नहीं दिया है. लेकिन जब हमें कहा जाता है कि नमाज को खास तरीके से पढ़ो या अजान को खत्म कर दो, तो इससे ये पता चलता है कि वे गांधी के भारत को बदलना चाहते हैं. अगर वे देश को वाकई में बचाना चाहते हैं तो उन्हें सभी धर्मों का बराबरी से सम्मान करना होगा.

गौरतलब है कि 35ए के मामले की सुनवाई अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट (SC) में कहा गया था कि राज्य में अभी पंचायत चुनाव होने हैं इसलिए सुनवाई आगे बढ़ाई जाए.

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