श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले पंचायत और निगम चुनाव को लेकर सियासी बवाल शुरू हो गया है. इन चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला नेशनल कॉन्फ्रेंस ने किया है. पार्टी के मुखिया और अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने घोषणा किया है कि जब तक अनुच्छेद 35 A + को लेकर केंद्र सरकार अपना रुख साफ नहीं कर देती तब तक उनकी पार्टी पंचायत चुनाव में भाग नहीं लेगी.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पिछले हफ्ते शहरी निकाय और पंचायत चुनावों का ऐलान हुआ था. अक्टूबर के पहले हफ्ते में शहरी निकायों के लिए चुनाव होंगे वहीं नवंबर-दिसंबर में पंचायतों के चुनाव इस साल होने की संभावना हैं. वहीं इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 19 जनवरी तक के लिए टाल दी है.
गौरतलब है कि 27 अगस्त को भी सर्वोच्च अदालत में अनुच्छेद 35 A को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होनी थी, जो नहीं हो सकी. उससे पहले 6 अगस्त को हुई सुनवाई में जजों की कमेटी ने 35 A पर कई तरह के सवाल पूछे थे.
क्या है अनुच्छेद A:
भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद द्वारा यह कानून 14 मई 1954 को लागू किया गया था.आर्टिकल 35A जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है, यह इस राज्य के अपने अलग संविधान में शामिल है, जिसके मुताबिक राज्य में रहने वाले नागरिकों को कई विशेषाधिकार दिए गए हैं.
अनुच्छेद 35A, धारा 370 का ही हिस्सा है. इस धारा के कारण दूसरे राज्यों का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में ना तो संपत्ति खरीद सकता है और ना ही वहां का स्थायी नागरिक बनकर रह सकता है.