Farmers Protest: कृषि कानूनों को लेकर केंद्र के तेवर सख्त, नरेंद्र सिंह तोमर बोले-कानून के क्लॉज पर चर्चा करे किसान संगठन और जहां आपत्ति है वो बताएं
कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के तेवर पूरी तरह सख्त नजर आ रहे हैं. किसान जहां इस कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं तो दूसरी तरफ मोदी सरकार इसे वापस नहीं लेना चाहती है. यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बयान में साफ कहा कि सरकार कानूनों पर विचार और संशोधन के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि कानून के क्लॉज पर किसान संगठन चर्चा करे और जहां आपत्ति है वो बताएं.
नई दिल्ली, 17 जनवरी 2021. कृषि कानूनों (Farm Bills 2020) को लेकर केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) के तेवर पूरी तरह सख्त नजर आ रहे हैं. किसान जहां इस कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं तो दूसरी तरफ मोदी सरकार इसे वापस नहीं लेना चाहती है. यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने एक बयान में साफ कहा कि सरकार कानूनों पर विचार और संशोधन के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि कानून के क्लॉज पर किसान संगठन चर्चा करे और जहां आपत्ति है वो बताएं.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार ने किसान यूनियन के साथ एक बार नहीं 9 बार घंटों तक वार्ता की, हमने लगातार किसान यूनियन से आग्रह किया कि वो कानून के क्लॉज पर चर्चा करें और जहां आपत्ति है वो बताएं. सरकार उस पर विचार और संशोधन करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि किसान यूनियन टस से मस होने को तैयार नहीं है, उनकी लगातार ये कोशिश है कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. भारत सरकार जब कोई कानून बनाती है तो वो पूरे देश के लिए होता है, इन कानूनों से देश के अधिकांश किसान, विद्वान, वैज्ञानिक, कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोग सहमत हैं. यह भी पढ़ें-Farmers Protest: किसानों का केंद्र पर निशाना, कहा-हम ठंड में मौसम में मर रहे हैं और मोदी सरकार हमें तारीख पे तारीख दे रही है
ANI का ट्वीट-
कृषि मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के क्रियान्वयन को रोक दिया है तो मैं समझता हूं कि जिद्द का सवाल ही खत्म होता है. हमारी अपेक्षा है कि किसान 19 जनवरी को एक-एक क्लॉज पर चर्चा करें और वो कानूनों को रद्द करने के अलावा क्या विकल्प चाहते हैं वो सरकार के सामने रखें.