कमलेश तिवारी (Kamlesh Tiwari) हत्याकांड में एकमात्र चश्मदीद गवाह को उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से अभी तक कोई सुरक्षा नहीं मिली है. सौराष्ट्रजीत सिंह (Saurashtrajit Singh) ने दो हमलावरों मोइनुद्दीन और अशफाक को तिवारी के ऑफिस में घुसते देखा था. हिंदू महासभा से इस्तीफा देने के बाद तिवारी हिंदू समाज पार्टी के साथ जुड़ गए थे. सौराष्ट्रजीत सिंह अब कुशीनगर के कासिया में अपने गांव में रह रहा है. उसने स्थानीय पत्रकारों को बताया था, "दो हमलावर हिंदू सजकर एक मुस्लिम लड़की से शादी करने के चलते तिवारी से मदद की मांग करने आए थे."
उसने आगे कहा था, "उनमें से एक किसी मुस्लिम लड़की के साथ प्यार करने का दावा कर रहा था. मैंने तिवारी को शादी के लिए कानूनी और अन्य मदद का वादा करने को सुना, इसके बाद मैं वहां से चला गया." सौराष्ट्रजीत ने यह भी कहा, "मैं उन दोनों को पहचान सकता हूं जिसने कमलेश तिवारी की हत्या की है और अब मैं इस मामले का इकलौता चश्मदीद गवाह हूं और निशाने पर भी हूं, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा के लिए मेरे दलीलों पर ध्यान नहीं दिया."
सिंह ने कहा कि अगर हमलावर गुजरात से आकर आसानी से तिवारी को मार सकते हैं, तो उन्हें मारना कोई बड़ी बात नहीं है. उसने कहा, "हत्या के दिन के बाद से मैं अपने घर से बाहर नहीं निकला. मुझे लगा था कि पुलिस मुझे सुरक्षा देगी, लेकिन उन्होंने मुझे धोखा दिया." सिंह कुशीनगर में हिंदू समाज पार्टी के साथ एक समन्वयक है और अपने पिता राजेश्वर सिंह एवं बड़े भाई स्वतंत्रजीत सिंह के साथ रह रहे हैं.