मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी (Manohar Joshi) के बेटे उन्मेश जोशी और उनके व्यापारिक साझेदार राज ठाकरे (Raj Thackeray) को आईएल एंड एफएस से संबंधित एक मामले की जांच के लिए समन भेजा है. यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों से मिली. सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना नेता के बेटे सोमवार को ईडी के सामने पेश हुए थे.
वहीं, अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे को गुरुवार को यहां ईडी मुख्यालय में पेश होने को कहा गया है. ईडी जोशी के स्वामित्व वाले कोहिनूर सीटीएनएल में 850 करोड़ रुपये से अधिक के आईएल एंड एफएस के ऋण और निवेश की कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है. कोहिनूर सीटीएनएल एक रियलिटी क्षेत्र की कंपनी है जो पश्चिम दादर में कोहिनूर स्क्वॉयर टॉवर का निर्माण कर रही है.
जोशी की कंपनी और उसके निवेश पहले से ही सवालों के घेरे में हैं क्योंकि यह लगभग 135 करोड़ रुपये के आईएल एंड एफएस के प्रमुख डिफॉल्टरों में से है. उन्मेश जोशी, ठाकरे और उनके सहयोगी द्वारा यह एक दशक पहले लॉन्च की गई थी. उनकी 421 करोड़ रुपये में विवादास्पद कोहिनूर मिल्स नंबर-3 खरीदने की योजना थी.
आईएल एंड एफएस ने 2008 में अचानक कथित तौर पर इस सौदे से हाथ पीछे खींच लिए और महज 90 करोड़ रुपये में अपने शेयरों को बेच दिया. इससे बड़ा नुकसान हुआ और बाद में ठाकरे भी अपने शेयर बेचने के बाद इससे बाहर निकल गए.
जोशी का कोहिनूर समूह उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी द्वारा स्थापित किया गया था. यह पहले कोहिनूर सीटीएनएल को नियंत्रित करता था. मनसे के प्रवक्ता संदीप देशपांडे और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने ईडी के इस कदम की तीखी आलोचना की. उन्होंने इस कार्रवाई के लिए केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर जमकर प्रहार किया है.