अमरावती में आज एक नया विवाद देखने को मिला. दरअसल चुनाव के 17 दिनों के बाद भी जिलाधिकारी कार्योलय में स्थित सांसद को ऑफिस नहीं देने की वजह से विधायक यशोमती ठाकुर और नवनिर्वाचित सांसद बलवंत वानखेड़े ने कार्योलय का ताला तोड़कर भीतर प्रवेश किया. जिलाधिकारी कार्योलय में पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल भी मौजूद थे.
इस दौरान यशोमती ठाकुर और बलवंत वानखेड़े पहुंचे. जहां उन्होंने पाटिल से भी बात की. जीत के 17 दिनों के बाद भी सांसद कार्योलय नहीं देने की वजह से दोनों ने मिलकर पुलिस की मौजूदगी में ताला तोड़ा. यशोमती ठाकुर इस दौरान काफी आक्रामक दिखाई दी. बीजेपी के खिलाफ इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की. पुलिस ने ठाकुर और कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश भी की. ये भी पढ़े :महाराष्ट्र चुनाव के लिए एमवीए में सीट बंटवारे पर अभी शुरू नहीं हुई बातचीत: संजय राउत
देखें वीडियो :
आज अमरावती जिल्हाधिकारी कार्यालयातील खासदारांचे शासकीय कार्यालयाचा ताबा खासदार बळवंत वानखडे यांना देत नसल्याने खासदार बळवंत वानखडे, मी आणि असंख्य कॉंग्रेस कार्यकर्त्यांनी आक्रमक होऊन व कार्यालयाचे कुलूप तोडून आत प्रवेश केला. यावेळी अमरावती जिल्ह्याच्या जिल्हाधिकारी कार्यालयात… pic.twitter.com/2ACjZbdhhi
— Adv. Yashomati Thakur (@AdvYashomatiINC) June 22, 2024
इस समय कांग्रेस की विधायक यशोमती ठाकुर ने कहा की ,' यहांपर सांसद ने ऑफिस मांगा था, एक महीने से ज्यादा समय हो गया. लेकिन प्रशासन ऑफिस देने को तैयार नहीं था. सांसद वानखेड़े आधा घंटा बैठें रहे. लेकिन उन्हें चाबी नहीं दी गई. इतनी दादागिरी किस लिए है. उन्होंने कहा की ,' ये दादागिरी बंद होनी चाहिए.
कांग्रेस के सांसद बलवंत वानखेड़े ने इस समय कहा की ,' पहले से ही जिले के सांसद को ये रूम दी जाती थी. लेकिन मैं सांसद बना तो मुझे ये रूम नहीं दी जा रही है. इसका मुझे काफी आश्चर्य हो रहा है. उन्होंने कहा की ,' बीजेपी सरकार आखिर क्या चाहती है. क्यों हमारे साथ इस तरह का बर्ताव हो रहा है.