मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच पैदा हुआ गतिरोध खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. बल्कि यह और ही बढ़ता ही जा रहा है. ऐसा इसलिए कि आज पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) स्वर्गीय बाल ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के सातवें पुण्यतिथि पर उन्हें श्रधांजली देने के लिए मुंबई के शिवाजी पार्क पहुंचे हुए थे. जहां वे श्रधांजली देकर अपने काफिले के साथ बाहर निकल ही रहे थे कि बाहर जमा लोगों ने शिवसेना सरकार के समर्थन में नारे लगाने लगे. हालांकि पूर्व सीएम इन नारों के बीच वहां से हाथ जोड़ते हुए निकल गए.
एनएनआई न्यूज एजेंसी की तरफ से स्वर्गीय बाल ठाकरे को देवेंद्र फडणवीस द्वारा श्रधांजली देने के बाद बाहर निकलते समय ट्वीट कर एक वीडियो शेयर किया गया है. वीडियो में देखा जा रहा है कि वे बीजेपी के कुछ नेताओं के साथ फडणवीस श्रधांजली देने के बाद बाहर निकल रहे है. इसी बीच बाहर खड़े शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने जोर- जोर से नारे लगाने लगे कि महाराष्ट्र में सरकार किसकी.जवाब में कहा जा रहा था कि सरकार शिवसेना की. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष: शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस अब तक नहीं बना सकी है समर्थन का फार्मूला ?
देखें वीडियो:
#WATCH Maharashtra: Slogan of "Sarkar kunauchi? Shiv Sena chi" (Whose government? Shiv Sena's) raised by Shiv Sena workers, when BJP leader Devendra Fadnavis was leaving after paying tributes to Balasaheb Thackeray on his death anniversary today, in Mumbai. pic.twitter.com/AbsA5Gm1f5
— ANI (@ANI) November 17, 2019
बता दें कि बाल ठाकरे ने मराठी भाषी लोगों के हित में 1966 में शिवसेना की स्थापना की थी. जिसके बाद विधासनभा का चुनाव लड़ते हुए उनकी पार्टी बीजेपी से गठबंधन करने के बाद दिल्ली तक पहुंची. गठबंधन के बाद कुछ चुनावों को छोड़ दिया जाए तो बीजेपी-शिवसेना एक साथ गठबंधन के तहत ही चुनाव लड़ती आ रही थी. हाल के दिनों की बात करे तो शिवसेना ने 2014 का विधानसभा चुनाव भले ही मन- मुटाव के बाद अलग- अलग लड़ा. लेकिन 2019 का चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ी.
गठबंधन के तहत एनडीए को जीत मिलने के बाद मोदी सरकार में शिवसेना को मंत्रालय भी मिला. दोनों पार्टी के बीच दोस्ती का यह सिलसिला 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद पिछले महीने 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में देखी गई. दोनों पार्टियों ने एक साथ जरूर गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा. लेकिन सरकार में शिवसेना को ढाई- ढाई साल के लिए सीएम पद की मांग के बाद दोनों के बीच दरार बढ़ गया और दोनों एक दूसरे से दूर हो गई.