नई दिल्ली, 18 अक्टूबर: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) ने रविवार को पार्टी के नए राज्य प्रभारियों और महासचिवों से कहा कि वे देश के लोकतंत्र के लिए संघर्ष करें, क्योंकि देश का लोकतंत्र बहुत ही 'कठिन समय' में है. नव-नियुक्त पार्टी पदाधिकारियों के साथ मुलाकात में, सोनिया गांधी ने कहा, "हर किसी को लोगों के मुद्दों के लिए संघर्ष करना चाहिए और उनकी तकलीफों को दूर करने की कोशिश करें, क्योंकि हमारा लोकतंत्र सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है."
उन्होंने राज्य के प्रभारियों से उन मुद्दों की पहचान करने के लिए कहा, जो लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं और कहा कि इसके लिए सरकार से लड़ने की जरूरत पड़े, तो वो भी करें. किसानों से जुड़े नए कानून और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, "लोगों के हितों की रक्षा करना ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का मूल उद्देश्य है. आज भी, देश के नागरिकों के प्रति समर्पित भाव से सेवा और सभी क्षेत्रों में अन्याय, असमानता और भेदभाव के खिलाफ लड़ाई, प्रत्येक कांग्रेसी को दिशा दिखाने वाला प्रकाश है."
सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा कि, "यह जिम्मेदारी अब और भी महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि "हमारा लोकतंत्र अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है." उन्होंने कहा, "हमारे संविधान और हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं पर लगातार हमला हो रहा है. हमारे देश की मौजूदा सरकार मुट्ठीभर पूंजीपतियों की मुनाफाखोरी के लिए हमारे नागरिकों के हितों की अनदेखी कर रही है." भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाते हुए कि सोनिया गांधी ने कहा कि कृषि कानूनों को लागू करके सरकार ने देश की मजबूत कृषि अर्थव्यवस्था की नींव हिला दी है.
कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि वे किसानों के कृषि से जुड़े ये नए कानून 'काले कानून' हैं और ये किसानों की जीविका छीनने का प्रयास है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार के पास महामारी की समस्या का सामना करने के लिए कोई नीति नहीं है और सरकार की गलत नीतियों के कारण, अर्थव्यवस्था की हालत इतनी खराब है और बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है.