कोरोना वायरस के खिलाफ एक्शन में योगी सरकार, यूपी के सभी जिलों में बनेंगे कोविड-19 कलेक्शन सेंटर
योगी आदित्यनाथ (Photo Credits-ANI Twitter)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कोविड-19 (Coronavirus) की जांच के लिए कलेक्शन सेंटर स्थापित किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि उत्तर प्रदेश के जिन 6 मंडलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है, उन सभी के मुख्यालयों पर टेस्टिंग लैब स्थापित किए जाएंगे. साथ ही प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कोविड-19 की जांच के लिए कलेक्शन सेंटर स्थापित किए जाएंगे. इसके अलावा देवीपाटन (गोंडा), मिर्जापुर, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़ और वाराणसी के बीएचयू हॉस्पिटल में एक लैब बनाने की प्रक्रिया चल रही है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले 4-5 दिनों में कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या बढ़ी है. मंगलवार तक प्रदेश में कुल 308 केस हैं और इनमें से 168 केस तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं. भारत सरकार की मदद से प्रदेश में इसे हर स्तर पर रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं. योगी ने कहा कि जब कोरोना का पहला पजिटिव केस आया, तब प्रदेश में एक भी लैब नहीं थी. भारत सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश में आज 10 टेस्टिंग लैब सफलतापूर्वक कार्य कर रही हैं. यह भी पढ़ें: Coronavirus: सीएम योगी ने राज्य के विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की बात, कहा- 15 अप्रैल से हो सकता है लॉकडाउन खत्म, सहयोग की है जरूरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ प्रदेश सरकार ने यूपी कोविड केयर फंड की स्थापना की है. जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ समाज के विभिन्न तबकों का इस केयर फंड को व्यापक समर्थन मिल रहा है. सरकार ने तय किया है कि कोविड केयर फंड का उपयोग प्रदेश के अंदर टेस्टिंग सुविधाओं और कोविड हस्पिटल (लेवल-1, लेवल-2 और लेवल-3) की संख्या को बढ़ाने में किया जाए. इसके अलावा कोरोना से लड़ाई में आवश्यक उपकरणों जैसे- पीपीई किट, एन-95 एवं थ्रीलेयर मास्क, वेटिंलेटर और थर्मल एनालाइजर बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में 24 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. इनमें से 12 मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड किया जा रहा है. इन मेडिकल कलेजों में नई बीएसएल-3 लैब बनाई जा रही है, जहां किसी भी प्रकार के वायरस की जांच के साथ-साथ रिसर्च की भी सुविधा उपलब्ध होगी.