नयी दिल्ली. दिल्ली सरकार ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच राष्ट्रीय राजधानी में प्रवासी श्रमिकों की कोई ताजा आवाजाही की जानकारी नहीं है. मुख्य सचिव विजय देव ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि शुरू में अपने मूल राज्यों की ओर जा रहे प्रवासी श्रमिकों पर विशेष ध्यान दिया गया और उन्हें विशेष सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. उन्होंने साथ ही लॉकडाउन को लागू कराने के लिए सक्रिय कदम उठाने का भी निर्देश दिया.
आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन के कारण बेघर हुए प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष रूप से 111 आश्रय गृह स्थापित किए हैं. बयान में कहा गया, ‘‘रविवार तक, इन आश्रय घरों में 4,788 प्रवासियों को रखा जा चुका है. राहत शिविरों में 40,000 लोगों को समायोजित करने की क्षमता है।’’ये आश्रय गृह दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड द्वारा प्रबंधित 223 स्थायी आश्रय गृहों और बेघरों के लिए 10 रैन बसेरे के अलावा हैं. यह भी पढ़े-Coronavirus: गौतम गंभीर ने दिल्ली सरकार को फिर दी 50 लाख की मदद
बयान में कहा गया है, "इन आश्रय गृहों में रखे गए किसी व्यक्ति में यदि लक्षण दिखते हैं तो साथ के लोगों को प्रोटोकॉल के अनुसार पृथक किया जाएगा. आश्रय गृहों को निर्धारित किये जाने के बाद से केवल एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसमें कहा गया, "मुख्य सचिव ने आश्रय गृहों में प्रवासियों को दी जाने वाली सुविधाओं की समीक्षा की जो राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष भी हैं."
बयान में कहा गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए "सक्रिय कदम" के कारण "दिल्ली में प्रवासी मजदूरों की कोई नयी आवाजाही की सूचना नहीं है. इसमें कहा गया कि इन आश्रय गृहों में रहने वाले सभी को मुफ्त भोजन दिया जाता है जिसमें नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना शामिल होता है.