नई दिल्ली: बांग्लादेश (Bangladesh) के अल्पसंख्यकों की नागरिकता (Citizenship) की वकालत करने वाले मनमोहन सिंह (Former PM Manmohan Singh)के वीडियो को भाजपा द्वारा पोस्ट किए जाने के बाद कांग्रेस ने कहा कि आज की स्थिति से उसकी तुलना करना ‘फर्जी और कपटपूर्ण’ है क्योंकि किसी भी पिछली सरकार को इस उद्देश्य के लिए कानून में बदलाव नहीं करना पड़ा था. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि लियाकत-नेहरू समझौता और 1971 की बात की जा रही है, क्या यह तुलनीय है? विभाजन के दौरान क्या हुआ, क्या यह आज तुलनीय है?. उन्होंने कहा कि ये उदाहरण फर्जी, कपटपूर्ण हैं.
उन्होंने कहा कि साल 2004 से साल 2014 के बीच मनमोहन सिंह की सरकार ने लोगों को नागरिकता देने के लिए कोई नया कानून पारित नहीं किया. कांग्रेस नेता ने कहा कि आप किसी अधिसूचना के माध्यम से कुछ लोगों को (यह) दे सकते हैं, लेकिन आज आप तीन देशों में समुदायों का नाम लेकर एक नया कानून लाए. यह भी पढ़ें: CAA Protest: राहुल गांधी बोले-देश की आवाज दबाने के लिए धारा 144 लागू नहीं कर सकती है सरकार, ऐसा करना भारत की आत्मा का अपमान है
कोई भी सरकार इस तरह का नया कानून नहीं लाई, क्या वाजपेयी सरकार ऐसा कोई कानून लायी...?उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे संविधान या कानून का आधार नहीं था. इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी और न ही किसी ने इसका प्रस्ताव किया था.