नई दिल्ली, 6 सितम्बर: केंद्र सरकार के प्रति हमलावर रुख जारी रखते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसएटी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की आलोचना की है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र के लिए दूसरा बड़ा आक्रमण है और इसके दोषपूर्ण कार्यान्वयन ने अर्थव्यवस्था का सर्वनाश कर दिया. सीरीज के तीसरे वीडियो में राहुल गांधी ने कहा कि जीएसटी (GST) यूपीए सरकार का आइडिया था. एक टैक्स, सरल टैक्स और साधारण, लेकिन एनडीए ने इसे जटिल बनाकर रख दिया. राहुल ने कहा, "एनडीए सरकार द्वारा लागू जीएसटी में चार अलग-अलग टैक्स हैं. 28 प्रतिशत तक टैक्स है और बड़ा जटिल है. समझने को बहुत मुश्किल टैक्स है."
उन्होंने कहा कि जो छोटे और मझोले व्यापार वाले हैं, वो इस टैक्स को भर ही नहीं सकते जबकि बड़ी कंपनियां बड़ी आसानी से भर सकती हैं, वे पांच-10 अकाउंटेंट लगा सकती हैं. राहुल गांधी ने सवालिया लहजे में कहा, "देश में ये चार अलग-अलग टैक्स रेट क्यों हैं. ये ऐसा इसिलए है क्योंकि सरकार चाहती है कि जिसकी जीएसटी तक पहुंच हो वो इसे आसानी से बदल पाए और जिसकी पहुंच न हो वो जीएसटी के बारे में कुछ न कर पाए. हिंदुस्तान के 15-20 उद्योगपतियों की पहुंच है तो वे जो भी टैक्स का कानून वे बदलना चाहते हैं तो वे इस जीएसटी रेजीमे में आसानी से बदल सकते हैं."
राहुल ने कहा, "यह जीएसटी पूरी तरह से विफल है, यह गरीबों पर और छोटे व मझोले व्यवसायों पर हमला है. जीएसटी एक कर प्रणाली नहीं है, यह भारत के गरीबों पर आक्रमण है. छोटे दुकानदारों, छोटे और मझोले व्यवसायों, किसानों और मजदूरों पर आक्रमण है." कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें इस आक्रमण को पहचानना होगा और मिलकर इसके खिलाफ हम सबको खड़े होना होगा. उन्होंने कहा, "एनडीए की जीएसटी का नतीजा क्या है? कि आज हिंदुस्तान की सरकार राज्यों को जीएसटी का पैसा ही नहीं दे पा रही है. प्रदेश कर्मचारियों को राज्य पैसा नहीं दे पा रहे हैं."
राहुल ने बुधवार को अपना दूसरा वीडियो जारी किया था और आरोप लगाया था कि नोटबंदी भारत के गरीबों, किसानों, मजदूरों और छोटे दुकानदारों पर आक्रमण था और उन्होंने इसे भारत की असंगठित अर्थव्यवस्था पर हमला करार दिया. राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी ने काले धन को नहीं मिटाया जैसा कि प्रधानमंत्री द्वारा दावा किया गया था और इससे गरीबों को फायदा नहीं हुआ और इसका फायदा भारत के सबसे बड़े अरबपतियों को मिला.