राजस्थान के सियासी घमासान पर कांग्रेस नेता पीसी शर्मा बोले- 70 साल के इतिहास में पहली बार मंत्रिमंडल फ्लोर टेस्ट देना चाहता है, लेकिन मंजूरी नहीं मिल रही

पीसी शर्मा ने कहा, मध्य प्रदेश में राज्यपाल महोदय कहते हैं कि फ्लोर टेस्ट कराओ और राजस्थान में कैबिनेट मांग कर रहा है कि फ्लोर टेस्ट कराना है उसे अनुमति नहीं दी जा रही. पीसी शर्मा ने कहा, 70 साल के इतिहास में पहली बार मंत्रिमंडल फ्लोर टेस्ट देना चाहता है, परंतु अनुमति नहीं मिल रही.

कांग्रेस नेता पीसी शर्मा (Photo Credit-ANI)

जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी घमासान (Rajasthan Political Crisis) के बीच कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमला कर रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता पीसी शर्मा (PC Sharma) ने बीजेपी पर निशाना साधा. पीसी शर्मा ने कहा, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में राज्यपाल महोदय कहते हैं कि फ्लोर टेस्ट कराओ और राजस्थान में कैबिनेट मांग कर रहा है कि फ्लोर टेस्ट कराना है उसे अनुमति नहीं दी जा रही. पीसी शर्मा ने कहा, 70 साल के इतिहास में पहली बार मंत्रिमंडल फ्लोर टेस्ट देना चाहता है, परंतु अनुमति नहीं मिल रही.

बता दें कि राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राज्यपाल कलराज मिश्र को विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए प्रस्ताव भेजा है. विधानसभा सत्र का एजेंडा कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी बताया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 31 जुलाई से विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते हैं. यह भी पढ़ें: सीएम अशोक गहलोत बोले- खतरे में डेमोक्रेसी, कोरोना महामारी के बीच राजस्थान में सरकार गिराने में जुटा केंद्र.

राज्यपाल कलराज मिश्र ने बताया कि विधानसभा का सत्र बुलाने का एजेंडा कोरोना वायरस है. इसमें फ्लोर टेस्ट शब्द नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में सत्र बुलाने की तारीख और कारण का भी उल्लेख नहीं किया गया है. इससे पहले, राज्यपाल एक प्रस्ताव को खारिज कर चुके हैं. राजस्थान की सियासी जंग आर-पार के चरण में पहुंच गई है.

इस बीच कांग्रेस नेता पीसी शर्मा मध्य प्रदेश सरकार को लेकर भी हमलावर हो रहे हैं. इससे पहले पीसी शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज बीजेपी और सिंधिया की पार्टियों से घिरे हैं. इसके कारण उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वह आगे क्या करें.

पीसी शर्मा ने कहा था, जो मंत्री आवंटित विभागों को नहीं ले रहे हैं, उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 70 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार है जब विभागों के विभाजन में इतना समय लग रहा है.

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