नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) को मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) से मंजूरी मिल गई है. संसद भवन (Parliament House) में बुधवार सुबह मोदी कैबिनेट की बैठक में इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद अब इसे संसद में पेश किया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) नागरिकता संशोधन बिल को जल्द ही संसद में पेश कर सकते हैं. इससे पहले अमित शाह ने मंगलवार को असम के छात्र संगठनों और नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ प्रस्तावित नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा की थी. असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी बैठकों में हिस्सा लेने वालों में शामिल थे.
नागरिकता संशोधन बिल में धार्मिक अत्याचार के कारण बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को उपयुक्त दस्तावेज नहीं रहने पर भी भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन का प्रस्ताव है. यह भी पढ़ें- नागरिकता संशोधन विधेयक पर बोले राजनाथ सिंह, असम की सूचि से किसी भी भारतीय को नहीं हटाया जाएगा.
उधर, बीजेपी संसदीय दल की मंगलवार को हुई बैठक के दौरान संसद में पार्टी सांसदों के अनुपस्थित रहने का विषय भी उठा. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सांसदों को संसद में विधेयकों पर चर्चा व पारित होने के समय उनकी कम उपस्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाखुशी से अवगत कराया.
सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह ने बीजेपी सांसदों से कहा कि जब गृह मंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन विधेयक पेश करें तब वे बड़ी संख्या में उपस्थित रहें. उन्होंने कहा कि यह मसौदा विधेयक उतना ही महत्वपूर्ण है जितना अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने वाला विधेयक था.