नागरिकता संशोधन विधेयक पर बोले राजनाथ सिंह, असम की सूचि से किसी भी भारतीय को नहीं हटाया जाएगा
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह (Photo Credtis Twitter)

नई दिल्‍ली: सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल (Citizenship Amendment Bill) संयुक्‍त कमिटी की रिपोर्ट तरफ से मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह (Home-minister Rajnath Singh) ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया. इस दौरान सदन मौजूद विपक्ष के लोगों ने जोरदार हंगामा करते हुए नारे लगाए. वहीं नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान सदन में मौजूद कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया.

लोगों के गहमा- गहमी के बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में असम की नागरिक सूची (NRC) को पेश करने के दौरान उन्होंने कहा कि 'हम एनआरसी के प्रति कटिबद्ध हैं. एनआरसी में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा. एक भी भारतीय का सूचि से नाम नहीं हटाया जाएगा. लेकिन सरकार गैरकानूनी तरीके से देश में आने वाले प्रवासियों निपटने के लिए जरूर आवश्यक कदम उठाएगी. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि असम में शरणार्थियों का भार सिर्फ असम की नहीं बल्कि पूरे देश की समस्या है. इसलिए उनके खिलाफ कदम उठाया जा रहा है. यह भी पढ़े: एनआरसी-असम पहुंचे TMC के 6 सांसद, एयरपोर्ट पर ही हिरासत में लिए गए

लोकसभा में अपने स्पीच के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि 'मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन विधेयक सिर्फ असम के लिए या किसी खास देश से आने प्रवासियों की बेहतरी के लिए नहीं है. यह बिल उन प्रवासियों के लिए भी है, जो पश्चिमी सीमाओं से आए हैं और राजस्थान, पंजाब और दिल्ली में बस गए हैं. मै सभी को विश्वास दिला देना चाहता हूँ कि एनआरसी से किसी भी भारतीय को बाहर नहीं किया जाएगा. सभी को अपनी नागरिकता का दावा करने का पूरा मौका दिया जाएगा. यदि किसी का नाम छुट जाता है तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. उनको दोबारा से सूचि में नाम डलवाने को लेकर मौका दिया जाएगा.' यह भी पढ़े: अमित शाह ने विपक्ष पर साधा निशाना, कहा एनआरसी मामले पर हो रहा है वोट बैंक की राजनीति

बता दें कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस बिल को जब पेश कर रहे थे. उस दौरान सदन में मौजूद लोगों ने जमकर हंगामा और नारेबाजी की है. सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल का विरोध करने वाले सांसदों का कहना है कि यह बिल हमारी संस्कृति और संविधान के खिलाफ है. वहीं इस बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने असम की स्थिति का हवाला देते हुए इस बिल को दोबारा सेलेक्ट कमिटी के पास भेजने की मांग की. ऐसा नहीं होने पर कांग्रेस के सांसदों ने लोकसभा से वॉक आउट कर दिया.