केंद्र ने दिल्ली के वायु प्रदूषण पर राज्यों के साथ की बैठक
Bhupendra Yadav (photo credits: FB)

नई दिल्ली, 23 सितम्बर: दिल्ली (Delhi) के वायु प्रदूषण से निपटने के लिए गुरुवार को केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) की अध्यक्षता में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा राज्यों की एक संयुक्त बैठक बुलाई गई. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मीडिया से कहा, "प्रत्येक राज्य ने अपने प्रस्ताव रखे. हमने दोहराया कि दिल्ली का प्रदूषण स्तर उसके पड़ोसी राज्यों के कारण बढ़ता है. यह भी पढ़े: Rajya Sabha by-Election : फडणवीस से मिले कांग्रेस की महाराष्ट्र ईकाई के नेता

पिछले कुछ हफ्तों से वायु गुणवत्ता की निगरानी के बाद, हमने पाया है कि पीएम 2.5 और पीएम 10 स्तर 15 अक्टूबर के बाद पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण बढ़ने लगते हैं. "बैठक में दिल्ली ने कुल 12 सुझाव पेश किए हैं. उन्होंने आगे कहा, "अपने मुख्य बिंदुओं में, दिल्ली सरकार ने एक बार फिर केंद्र से वायु प्रदूषण की समस्या पर आपातकालीन आधार पर विचार करने और उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब राज्यों में बायो-डीकंपोजर के उपयोग के लिए एक कार्य योजना तैयार करने की अपील की है. ""इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने केंद्र और पड़ोसी राज्यों को एक विशेष टास्क फोर्स बनाने और धूल वाले निर्माण स्थलों के लिए हॉटस्पॉट जोन घोषित करने का सुझाव दिया है.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए एक इलेक्ट्रिक वाहन नीति अपनाएं. इस कदम से वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, हमने उनसे दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है."बुधवार को पंजाब सरकार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली ने पराली जलाने को रोकने और नियंत्रित करने के लिए एक योजना बनाई है. पूसा बायो-डीकंपोजर के साथ पराली जलाने के कारण आग की गिनती की रिकॉडिर्ंग और निगरानी के लिए इसरो द्वारा विकसित एक मानक प्रोटोकॉल अपनाने के लिए जारी किया गया है, जिसे यूपी में 6 लाख एकड़, हरियाणा में 1 लाख एकड़, पंजाब में 7,413 एकड़ और दिल्ली में 4,000 एकड़ में इस्तेमाल करने की योजना है.