बिहार में नए राजनीतिक समीकरण की नींव रखेंगे असदुद्दीन ओवैसी और जीतन राम मांझी, 29 दिसंबर को CAA और NRC के विरोध में होने वाली रैली में दिखाएंगे एकजुटता
नागरिकता कानून को लेकर पुरे देश में विरोध शुरू है. दूसरी तरफ बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नए राजनीतिक समीकरण सामने आने लगे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार असदुद्दीन ओवैसी जय भीम और जय मीम के फार्मूले पर एक नया मोर्चा बना सकते हैं. इसी के चलते पूर्व मुख्यमंत्री हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष जीतन राम मांझी के साथ वे जल्द ही मंच साझा करने वाले हैं. 29 दिसंबर को किशनगंज में AIMIM चीफ ओवैसी ने एक रैली बुलाई है.
पटना. नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर पुरे देश में विरोध शुरू है. दूसरी तरफ बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) से पहले नए राजनीतिक समीकरण सामने आने लगे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) जय भीम और जय मीम के फार्मूले पर एक नया मोर्चा बना सकते हैं. इसी के चलते पूर्व मुख्यमंत्री हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Hindustan Awami Morcha Chief Jitan Ram Manjhi) के साथ वे जल्द ही मंच साझा करने वाले हैं. 29 दिसंबर को किशनगंज में AIMIM चीफ ओवैसी ने एक रैली बुलाई है.
बताना चाहते है कि नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ जीतन राम मांझी ने भी इस रैली में जानें का ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को भी इस रैली में चलने के लिए कहा है. मांझी के इस निर्णय के बाद कांग्रेस नाराज हो गई है. यह भी पढ़े-असदुद्दीन ओवैसी का गृहमंत्री अमित शाह पर तंज, कहा- देश को गुमराह क्यों कर रहे हैं, एनआरसी की ओर पहला कदम है NPR
बिहार के किशनगंज में नागरिकता कानून के विरोध में 29 दिसंबर को रैली-
ज्ञात हो कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी बिहार में पांव पसारने की तैयारी में है. हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में पार्टी ने किशनगंज की सीट पर जीत का परचम लहराया था. वही पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए ने राज्य की 39 सीटें जीत ली थीं, सिर्फ किशनगंज की सीट बीजेपी गठबंधन नहीं जीत पाई. यहां पर ओवैसी की पार्टी का उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहा था. जिसके चलते कांग्रेस यहां जीतने में कामयाब हुई थी.