केंद्र सरकार से नए कानून को वापस लेने का आग्रह करते हुए बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने शनिवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Civil Register) पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेताओं में असहमति अब स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है. मायावती ने ट्वीट किया, "अब तो नए सीएए व एनआरसी के विरोध में केंद्र सरकार के राजग में भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं. अत: बसपा की मांग है कि वे अपनी जिद छोड़कर ये फैसले वापस लें."
इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारियों से भी अपील की है कि वे अपना विरोध शांतिपूर्ण ढंग से ही प्रकट करें. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि एनआरसी प्रक्रिया राज्य में लागू नहीं की जाएगी. एनआरसी लागू करने के प्रश्न पर कुमार ने कहा, "एनआरसी किस उद्देश्य से लागू की जाएगी? इसे बिल्कुल लागू नहीं किया जाएगा."
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कुमार की पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी जनता दल-यूनाइटेड (Janata Dal-United) ने पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के विरोध के बावजूद संसद में सीएए का समर्थन किया था. यहां तक कि लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) के चिराग पासवान ने भी ट्वीट किया कि उनकी पार्टी ऐसी किसी बात का समर्थन नहीं करेगी, जो लोगों के लिए दिक्कत पैदा करेगी.
चिराग ने ट्वीट किया, "लोजपा यह आश्वस्त करना चाहती है कि यह एनआरसी के संबंध में मुस्लिमों, दलितों और समाज के अन्य वंचित समूहों की चिंताओं का पूरा खयाल रखेगी. लोजपा ऐसे किसी कानून का समर्थन नहीं करेगी, जो जनता के हित के लिए नहीं होगी." लोजपा ने संसद में इस कानून के पक्ष में अपना रुख जताया था. सीएए के मुद्दे पर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें कई राजनेता, छात्र नेता और कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.