नई दिल्ली, 30 सितम्बर: सात अस्थायी अस्पतालों की स्थापना के लिए दिल्ली पीडब्ल्यूडी के टेंडर में बड़ी धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए भाजपा सांसद मनोज तिवारी (MP Manoj Tiwari) ने मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) को पत्र लिखकर कहा है कि दिल्ली सरकार ने सभी परियोजनाओं को एक निजी फर्म को सौंपकर पक्षपातपूर्ण फैसला लिया है. उन्होंने इस मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की भूमिका और संलिप्तता की जांच का अनुरोध किया है.
मनोज तिवारी द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि "31 अगस्त, 2021 को सेवानिवृत्ति के दिन, शशि कांत, इंजीनियर इन चीफ, दिल्ली पीडब्ल्यूडी, ने एक फर्म - एसएएम (इंडिया) बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में दिल्ली में सात स्थानों पर अस्थायी अस्पतालों की स्थापना के लिए 1,256 करोड़ रुपये की तीन टेंडरों को मंजूरी दी थी. ये सात स्थान शालीमार बाग, किरारी, सुल्तानपुरी, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, जीटीबी अस्पताल परिसर, सरिता विहार, रघुबीर नगर हैं. पत्र में आगे आरोप लगाया गया है कि इन सभी मामलों में, मुख्य इंजीनियर संजीव रस्तोगी ने महंगे दाम पर ठेका दिया था. यह भी पढ़े: जब तक राहुल भैया कांग्रेस में हैं, भाजपा को कुछ करने की जरुरत नहीं : मुख्यमंत्री चौहान
सांसद ने इन परियोजनाओं के संदर्भ में 6 शंकाओं की ओर इशारा किया है. इस महीने की शुरूआत में दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार एक अनूठी निर्माण सामग्री तकनीक के साथ सात नए अस्पतालों का निर्माण कर रही है. सभी स्टील और कंक्रीट सामग्री संरचनाओं का निर्माण कारखानों में किया जाएगा और बिल्डरों को केवल निर्माण स्थल पर उन्हें इकट्ठा करना होगा, जिससे निर्माण की गति बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा था कि जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) वाले अस्पतालों में इन-हाउस ग्रीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए जाएंगे.