पटना: बिहार विधानसभा चुनावी संग्राम में सियासत का संघर्ष बदलता नजर आ रहा है. सूबे में सियासत का अजब खेल दिख रहा है. सियासत के रंग में राजनीतिक दल कहीं आपस में साथ निभा रहे हैं, लेकिन बिहार के इस चुनावी रण में आमने-सामने खड़े हो कर ताल ठोंक रहे हैं. सत्ता पाने के लिए सभी अपना-अपना खेल खेल रहे है. Bihar Elections 2020: कहीं इस वजह से तो नहीं बढ़ी नीतीश कुमार की टेंशन, NDA से एलजेपी का जाना किसे पड़ेगा भारी?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के लगातार हमले ने न केवल एनडीए के चुनावी प्रदर्शन पर सवाल खड़ा कर दिया है, बल्कि बीजेपी को भी असमंजस में डाल दिया है. इस तनातनी का प्रभाव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के प्रदर्शन पर पड़ना तय माना जा रहा है. Bihar Assembly Elections 2020: कहा गायब हैं मोदी-नीतीश को जीत दिलाने वाले किंगमेकर प्रशांत किशोर?
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में मंगलवार को सीट बंटवारे के बाद बीजेपी ने 27 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. उसके बाद नीतीश कुमार की जेडीयू (जनता दल युनाइटेड) ने भी अपने कोटे की सभी 115 विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों का नाम घोषित किया.
उल्लेखनीय है कि जेडीयू में बीजेपी, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के साथ चुनाावी मैदान में है. सीट बंटवारे में जेडीयू के हिस्से 122 सीटें आई हैं, जिसमें से उसने अपने कोटे की सात सीटें हम को दी है. जबकि बीजेपी के हिस्से 121 सीटें आई हैं, जिसमें से उसने 11 सीटें वीआईपी को दे दी है.
एलजेपी के प्रमुख चिराग पासवान को केंद्र में एनडीए के साथ तो अच्छा लगता है, लेकिन बिहार चुनाव में उनको एनडीए का साथ नहीं भाया और चुनावी मैदान में राजग के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. हालांकि एलजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने पर जीत हासिल करने वाले उसके विधायक बीजेपी के ही साथ मिलकर प्रदेश में सरकार बनाएंगे. दरअसल एलजेपी ने जेडीयू से आपसी मतभेदों के कारण खुद को एनडीए से अलग किया है.
केंद्र में एलजेपी के पूर्व अध्यक्ष रामविलास पासवान मंत्री हैं. एलजेपी के प्रमुख चिराग कहते भी हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके आदर्श हैं और उन्हीं से वे संघर्ष करना सीखे हैं, लेकिन बिहार में एनडीए उनको पसंद नहीं आ रहा है. क्योकि यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए चुनाव मैदान में है.
वैसे, एनडीए के संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में मंगलवार को बीजेपी नेताओं ने भी स्पष्ट कर दिया कि बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व जिन्हें नहीं पसंद है वह एनडीए के साथ नहीं हो सकता है. हालांकि बीजेपी नेता भी कही पर खुलकर एलजेपी का विरोध नहीं कर रहे है. Bihar Assembly Election 2020: सीएम के तौर पर नीतीश कुमार 30.9 प्रतिशत लोगों की पसंद: सर्वे
बीजेपी के महासचिव देवेश कुमार (Devesh Kumar) ने चिराग के कारण एनडीए में नुकसान की संभावनाओं को कम करने की कोशिश करते हुए कहा कि वह गठबंधन धर्म का पालन करेगी. बीजेपी और जेडीयू बहुत पुराने और भरोसेमंद सहयोगी रहे हैं और लोग इसकी सराहना करते हैं. लोग हमारे काम और पीएम मोदी की छवि पर मतदान करेंगे. साथ ही, बीजेपी ने एलजेपी को अपने चुनाव प्रचार के लिए पीएम मोदी की तस्वीरों का इस्तेमाल न करने की हिदायत दी है और ऐसा नहीं करने पर चुनाव आयोग का रुख करने की बात कही है.