बिहार (Bihar) में सतारूढ़ बीजेपी-जेडीयू गठबंधन (BJP-JDU Alliance) के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. इसकी एक बानगी मंगलवार को देखने को मिली जब पटना (Patna) के गांधी मैदान में आयोजित रावण वध (Ravana Vadha) कार्यक्रम में कोई भी बीजेपी नेता शामिल नहीं हुआ. हालांकि, इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी वहां मौजूद थे. वहीं, सबसे ज्यादा ध्यान अगर किसी ने खींचा तो वे बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) थे जो मंच पर सीएम नीतीश कुमार के बगल में बैठे थे. पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी की निगाहें मंच पर खाली सीटों पर रहीं. ऐसा माना जा रहा है कि इन सीटों पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi), केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, पाटलिपुत्र से सांसद राम कृपाल यादव और राज्य में मंत्री नंद किशोर यादव को बैठना था.
उधर, जेडीयू नेता अजय आलोक ने इस मामले पर एक ट्वीट कर लिखा, 'क्या हो गया बिहार बीजेपी? कोई गांधी मैदान में रावण वध में नहीं आया? रावण वध नहीं करना था क्या?' बहरहाल, रावण वध कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार के साथ किसी बीजेपी नेता के मंच पर मौजूद नहीं होने से बिहार में एनडीए में दरार पड़ने की अटकलें फिर से लगाई जाने लगी हैं. यह भी पढ़ें- बिहार: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को JDU की नसीहत- सरकार काम करने से चलती है, आलोचना से नहीं.
क्या हो गया @BJP4Bihar ? कोई गांधी मैदान में रावण वध में नहीं आया ? रावण वध नहीं करना था क्या ?
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) October 8, 2019
दरअसल, बिहार में बाढ़ से निपटने के राज्य सरकार के तरीके को लेकर बीजेपी और जडीयू के बीच पिछले एक सप्ताह से मनमुटाव चल रहा है. बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के तरफ से लगातार बयानबाजी की जा रही है.