Bihar Assembly Elections Results 2020: 10 लाख नौकरी देने के वादे के बावजूद भी पिछड़े तेजस्वी यादव, इन गलतियों ने किया सत्ता से दूर
तेजस्वी यादव (Photo Credit: PTI)

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) में महागठबंधन (Mahagathbandhan) ने NDA को कड़ी टक्कर दी लेकिन अंत में एनडीए बहुमत हासिल करने में कामयाब रहा. इस रोमांचक जंग में RJD के नेतृत्व वाला महागठबंधन दूसरे स्थान पर रहा. एग्जिट पोल के बाद से महागठबंधन के नेताओं में जोश था कि इस बार तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे लेकिन नतीजों ने पूरी तस्वीर बदल दी. 243 विधानसभा सीटों के लिए तेजस्वी यादव ने जमकर मेहनत की लेकिन वे सत्ता तक नहीं पहुंच पाए. नीतीश की नीतियों पर निशाना साधना हो या बेरोजगारी के मुद्दे को हवा देना तेजस्वी यादव ने सब किया लेकिन परिणाम NDA के पाले में चले गए.

तेजस्वी की मेहनत से RJD नंबर वन पार्टी तो बनी लेकिन उनका गठबंधन नंबर 1 नहीं बन पाया. RJD ने 75 सीटों पर जीत हासिल की लेकिन कांग्रेस मात्र 19 सीटों पर सिमट गया. चुनाव परिणामों के बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि तेजस्वी यादव ने सीट-बंटवारे में गलती कर दी. यहां हम तेजस्वी यादव की ऐसी ही कुछ गलतियां बता रहे हैं जो उन्हें सत्ता से दूर ले गई. Bihar Elections Results 2020: सत्ता विरोधी लहर के बावजूद बिहार में फिर से होगा नीतीश राज, इन पॉइंट्स में समझिए JDU चीफ की ताकत.

कांग्रेस पर ज्यादा भरोसा

तेजस्वी यादव ने कांग्रेस पर ज्यादा भरोसा किया. कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ 19 सीटों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस की खराब परफॉर्मेंस ने महागठबंधन का नंबर गेम बिगड़ा. महागठबंधन की हर के बाद सबसे बड़ा सवाल तेजस्वी के सामने यही है कि कांग्रेस को इतनी अधिक सीटों पर क्यों उतारा गया. क्या कांग्रेस पर उनका भरोसा उनकी हार का कारण का बना?

महिलाओं को कम आंकना

तेजस्वी यादव ने इस चुनाव में बिहार के युवाओं की बात की. युवाओं की शिक्षा, युवाओं को रोजगार, युवाओं का पलायन हर मुद्दे पर उन्होंने नीतीश सरकार को घेरा लेकिन वे महिलाओं के मुद्दे को कम आंकने की भूल कर बैठे. जिसका परिणाम ये हुआ कि महिला वोटर्स ने साइलेंट तरीके से NDA के पक्ष में वोट किए. NDA की जीत में महिला वोटर्स की अहम भागेदारी रही.

पीएम मोदी की लोकप्रियता 

तेजस्वी यादव इस चुनाव में नीतीश कुमार को चौतरफा घेरा, लेकिन पीएम मोदी की लोकप्रियता के सामने तेजस्वी यादव को हार का सामना करना पड़ा. तेजस्वी यादव यह भूल गए कि केंद्र की योजनाओं का बिहार की जनता को फायदा हुआ है. NDA ने 15 सालों में कुछ नहीं किया है बार बार कहने वाले तेजस्वी यादव की सभाओं में उमड़ने वाली भीड़ NDA को ही वोट देकर चली गई.

चुनावी मौसम से पहले जमीन पर न उतरना 

चुनावी मौसम में तेजस्वी यादव जनता के बीच खूब दिखे लेकिन इससे पहले वे गायब रहे. इस बात को लेकर उनकी खूब आलोचना भी हुई. BJP और पीएम मोदी उन्हें युवराज करकर उनपर निशाना साधते रहे. जनता के बीच BJP ने हमेशा कहा कि, 'तेजस्वी यादव चुनाव के समय जमीन पर उतर रहे हैं इससे पहले युवराज हमेशा इन सब से दूर रहे.' यही बात तेजस्वी यादव को जनता के वोटों से दूर ले गई.