आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) की अगुवाई वाले YSRCP को बड़ा झटका लगा है. दो राज्यसभा सांसदों ने पार्टी और उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. राज्यसभा के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने उनकी इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है, जैसा कि समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है.
इस इस्तीफे से YSRCP को नुकसान
इन दो YSRCP सांसदों में मोपेडी वेंकट रामण और बेदा मस्तान राव शामिल हैं. जहां श्री वेंकट रामण का राज्यसभा का कार्यकाल जून 2026 तक था, वहीं श्री राव का कार्यकाल जून 2028 तक था. दोनों सांसदों के टीडीपी में शामिल होने की संभावना है. यह कदम खासतौर पर तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब टीडीपी ने इस साल के आम चुनाव के साथ हुए आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है.
श्री राव पहले टीडीपी में थे और आंध्र प्रदेश के कावली क्षेत्र का प्रतिनिधित्व 2009 से 2014 तक किया था. 2019 में, उन्होंने YSRCP जॉइन की थी. वहीं श्री वेंकट रामण कांग्रेस के सदस्य रहे हैं और जगन मोहन रेड्डी के पिता, स्वर्गीय YS राजशेखर रेड्डी की सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं.
BJP के लिए खुशखबरी
इस घटनाक्रम से BJP को राज्यसभा में लाभ होगा. YSRCP के दो सांसदों का टीडीपी में शामिल होना NDA के खेमे में आता है, जो उच्च सदन में महत्वपूर्ण कानूनों की पारित करने में सरकार के लिए एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है. इस बदलाव से राजनैतिक समीकरणों में भी बदलाव आएगा और YSRCP के लिए भविष्य की रणनीति को लेकर नई चुनौतियां सामने आ सकती हैं.
YSRCP के लिए यह एक गंभीर झटका है, जो पार्टी की राजनीति और संसद में उसकी स्थिति को प्रभावित कर सकता है. दूसरी ओर, इस स्थिति का लाभ टीडीपी और बीजेपी को मिल सकता है, जो अपने-अपने राजनीतिक एजेंडे को मजबूत करने की कोशिश करेंगे.