नई दिल्ली:- सिंघु बॉर्डर से किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहा, भारत बंद हमारा शांतिपूर्ण आह्वान है, सबसे अपील है कि इसे ज़ोर-ज़बरदस्ती से न करें. राजनीतिक दलों ने जो हमारा समर्थन किया है उसके लिए उनका धन्यवाद, उनसे अपील है कि जब किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए आएं तो अपना झंडा घर छोड़कर आएं. इस दौरान किसी भी नेता को मंच पर जगह नहीं दिया जाएगा. वहीं, लुधियाना से चरणजीत सिंह लोहारा प्रधान पंजाब ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने कहा कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में 8 दिसंबर को चक्का जाम करने का फैसला किया है. परिवहन संघ, ट्रक यूनियन, टेंपो यूनियन सभी ने बंद को सफल बनाने का फैसला किया है. यह बंद पूरे भारत में होगा.
बता दें कि भारत बंद को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, द्रमुक, राजद, पीएजीडी, राकांपा, भाकपा, माकपा, भाकपा-माले, आरएसपी और एआईएफबी जैसे विपक्षी दलों का समर्थन मिला है। रविवार को इन दलों के नेताओं द्वारा एक संयुक्त बयान जारी किया गया था, जिसमें बंद का समर्थन करने की बात कही गई थी. बसपा, शिवसेना और टीआरएस ने भी बंद का समर्थन किया है. केंद्र सरकार की ओर से तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. Bharat Bandh: गुजरात के CM विजय रूपाणी ने कहा, भारत बंद के दौरान जबरदस्ती दुकानों और प्रतिष्ठानों बंद करवाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई.
ANI का ट्वीट:-
The bandh will be observed the whole day tomorrow. Chakka jam till 3 PM. It will be a peaceful bandh. We are firm on not allowing any political leaders on our stage: Farmer leader Dr Darshan Pal at Delhi-Haryana Singhu border https://t.co/K0Q7z5Pz92 pic.twitter.com/2LoLdQ4hlJ
— ANI (@ANI) December 7, 2020
सरकार और किसान नेताओं के बीच शनिवार को हुई पांचवें दौर की बातचीत में कोई हल नहीं निकल सका. दोनों पक्ष तीन विवादास्पद कृषि कानूनों पर अपने रुख पर अड़े हुए हैं. किसान पूरी तरह से कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं, जबकि सरकार बीच का रास्ता निकालकर समस्या का हल करना चाह रही है. किसानों का कहना है कि सरकार जब तक तीन कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. (आईएएनएस इनपुट)