कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष और केरल (Kerala) के वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बैंकों के निजीकरण (Privatisation of Banks) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा, 'केंद्र सरकार लाभ का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण (Nationalising) कर रही है. सरकारी बैंक (Public Sector Banks) मोदी मित्रों को बेचना भारत (India) की वित्तीय सुरक्षा (Financial Security) से खिलवाड़ है. मैं हड़ताल (Strike) कर रहे बैंक कर्मचारियों (Bank Employees) के साथ हूं.' दरअसल, नौ यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है. यूनियन का दावा है कि करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में शामिल हैं.
वहीं, कांग्रेस ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण और बैंकिंग सुधारों के खिलाफ 15 और 16 मार्च के दो दिवसीय देशव्यापी बैंक हड़ताल को समर्थन दिया है. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ हड़ताल में भाग लेने वाले 10 लाख बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ एकजुटता से खड़े हैं. यह भी पढ़ें- Bank Strike: बैंक हड़ताल से छोटे और मझोले उद्योग प्रभावित.
राहुल गांधी का ट्वीट-
केंद्र सरकार लाभ का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण कर रही है।
सरकारी बैंक मोदी मित्रों को बेचना भारत की वित्तीय सुरक्षा से खिलवाड़ है।
मैं हड़ताल कर रहे बैंक कर्मचारियों के साथ हूँ।#BankStrike
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 16, 2021
सुरजेवाला ने कहा कि कि सरकार के स्वामित्व वाले बैंकों को निजी हाथों को बेचने का कोई औचित्य नहीं है - विदेशी या घरेलू. यह सरकार के 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक हताश प्रयास है.
उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में सरकारी बैंकों की हड़ताल के पहले दिन बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ. हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी, जमा, चेक समाशोधन और कारोबारी लेनदेन प्रभावित हुआ.