नयी दिल्ली. पूर्व वायु सेना प्रमुख अनिल टिपनीस ने शुक्रवार को कहा कि करगिल संघर्ष के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी वायु सेना के इस्तेमाल को लेकर अनिच्छुक थे और उन्होंने उसे नियंत्रण रेखा पार करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. टिपनीस ने ‘ए प्राइम मिनिस्टर टू रेमेम्बर-मेमोरीज़ ऑफ ए मिलीट्री चीफ’ नामक पुस्तक के विमोचन के मौके पर अपने संबोधन में 1999 के कारगिल संघर्ष के दौरान वाजपेयी के साथ उनकी और तत्कालीन सेना प्रमुख वेद मलिक की हुई बैठक का हवाला देते हुए यह बात कही. यह पुस्तक पूर्व नौसेना प्रमुख सुशील कुमार ने लिखी है.
टिपनीस ने कहा कि वाजपेयी जनरल मलिक से जानना चाहते थे कि क्या थल सेना बिना वायु सेना की मदद के काम कर सकती है. पूर्व वायु सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘ इससे पहले मलिक जवाब देते, मैंने कहा कि सेना को इसकी (वायुसेना की) जरूरत है और हम तैयार हैं. प्रधानमंत्री ने कुछ क्षण सोचा और कहा कि कल सुबह शुरुआत करिएगा. ’’यह भी पढ़े-कारगिल युद्ध: टाइगर हिल पर पाकिस्तानियों के सफाये वाले सीन को वायुसेना ने किया रीक्रिएट, जानें कैसे मिराज 2000 से पाक को किया था नेस्तनाबूद
उन्होंने नियंत्रण रेखा पार करने के लिए वाजपेयी की अनुमति मांगने के बारे में भी अपनी बात सामने रखी. उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने इतनी दृढ़ आवाज में कभी नहीं देखी था... (वाजपेयी ने कहा) नहीं, हम नियंत्रण रेखा को पार नहीं करेंगे.’’
टिपनीस ने कहा कि वायुसेना महज छह घंटे की छोटी सी नोटिस पर अभियान में सेना का साथ देने को तैयार थी. करगिल टकराव के दौरान नौसेना प्रमुख रहे एडमिरल (सेवानिवृत्त) सुनील कुमार ने कहा कि वाजपेयी ने ‘‘रणनीतिक नुकसान’’ को भारी जीत में बदल दिया.