Assembly Election 2023: त्रिपुरा में 16 फरवरी, मेघालय-नागालैंड में 27 फरवरी को होगी वोटिंग, 2 मार्च को आएंगे नतीजे
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits-PTI)

Tripura-Meghalaya-Nagaland Assembly Elections 2023: त्रिपुरा में 16 फरवरी और नगालैंड-मेघालय में 27 फरवरी को विधानसभा के लिए वोटिंग होगी. तीनों राज्यों के नतीजे 2 मार्च को आएंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि वोटर लिस्ट पब्लिश हो गई हैं. तीनों राज्यों में महिला वोटरों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने बताया कि नगालैंड में 2,315, मेघालय में 3,482 और त्रिपुरा में 3,328 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. 50% पोलिंग बूथ पर वेब कास्टिंग की जाएगी. ये भी पढ़ें- Lok Sabha Elections 2024: जेपी नड्डा ने एक्सटेंशन मिलने पर बोले, 2024 में दो-तिहाई से अधिक बहुमत से BJP की सरकार बनाएंगे

नगालैंड विधानसभा का कार्यकाल 12 मार्च, मेघालय विधानसभा का 15 मार्च और त्रिपुरा विधानसभा का कार्यकाल 22 मार्च को समाप्त हो रहा है. तीनों राज्यों में 60-60 सीटें हैं. इन तीनों राज्यों में महिलाओं की वोटिंग में भागीदारी ज्यादा रही है.

बहुमत का आंकड़ा

त्रिपुरा: कुल सीटें- 60, बहुमत- 31

मेघालय: कुल सीटें-60, बहुमत- 31

नगालैंड: कुल सीटें- 6-, बहुमत- 31

त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार

बीजेपी ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 25 सालों के वाम किले को ढहा दिया था. बीजेपी ने यहां 35 सीटों पर जीत हासिल की थीं. वहीं, गठबंधन में उसकी सहयोगी स्वदेशी पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) 8 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही. इस प्रकार बीजेपी गठबंधन ने 59 सीटों में से 43 सीटों पर विजय हासिल की थी. वहीं, सीपीआई (एम) को 16 सीटें मिली थीं. बीजेपी ने बिप्लब देब को मुख्यमंत्री बनाया था. 2022 में भाजपा ने उनकी जगह माणिक साह को राज्य की कमान सौंपी है.

मेघालय में बीजेपी सत्ताधारी गठबंधन में शामिल

2018 में मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी और भाजपा गठबंधन की सरकार बनी थी. हालांकि, चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 21 सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन एनपीपी ने बीजेपी और अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. एनपीपी के कोनराड संगमा मेघालय के मुख्यमंत्री हैं.

नगालैंड में NDPP और भाजपा गठबंधन की सरकार

नगालैंड में NDPP और भाजपा गठबंधन की सरकार है. यहां 2018 से पहले नगा पीपुल्स फ्रंट सत्ता (NPF) में था. लेकिन चुनाव से पहले NPF दो गुटों में बंट गई. राज्य के मुख्यमंत्री रहे नेफ्यू रियो ने बागी नेताओं के साथ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) बनाई थी. NDPP को 18 तो भाजपा को 12 सीटों पर जीत मिली. नेफ्यू रियो राज्य के मुख्यमंत्री बने. NDPP के सत्ता में आने के बाद NPF के तमाम विधायक गठबंधन में शामिल हो गए.