डॉ. जोगिंदर के परिजनों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी, भविष्य में भी परिवार की हर संभव मदद करेंगे- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo Credits: IANS)

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज डॉ. बाबा साहब अंबेडकर मेडिकल हॉस्पिटल एंड कालेज में एड-हॉक पर जूनियर रेजिडेंट रहे कोरोना योद्धा डॉ. जोगिंदर चौधरी के निधन पर उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी. आज शाम 4 बजे डॉक्टर जोगिंदर चौधरी के परिजनों ने सिविल लाइंस स्थित सीएम के सरकारी आवास पर पहुंच कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डॉ. जोगिंदर की असामयिक मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया और परिवार को सांत्वना दी.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली सरकार के अस्पताल में तैनात हमारे कोरोना वारियर्स डॉ. जोगिंदर चौधरी जी ने अपनी जान की बाजी लगाकर मरीजों की सेवा की. हाल ही में कोरोना संक्रमण से डॉ. चौधरी का निधन हो गया था. आज उनके परिजनों से मिल कर एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी. भविष्य में भी परिवार की हर संभव मदद करेंगे.’’

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डॉ. जोगिंदर चौधरी दिल्ली सरकार के बाबा साहब अंबेडकर मेडिकल हॉस्पिटल एंड कालेज में डॉक्टर थे. उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना के मरीजों का इलाज किया. कोरोना मरीजों की सेवा करने के दौरान वे भी उसकी चपेट में आ गए. उनका करीब एक महीने तक इलाज चला, लेकिन उनका देहांत हो गया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डॉ. जोगिंदर के देहांत का हमें बहुत दुख है. आज उनके परिवार से मुलाकात की और उन्हें एक करोड़ रुपये की सहायता राशि का चेक दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी की जान की कोई कीमत नहीं हो सकती है, लेकिन इस छोटी सी राशि से उनके परिवार को कुछ सहूलियत जरूर मिलेगी. हम उनके परिवार की चिंता करते हैं भविष्य में भी यदि कोई जरूरत पडती है, तो हम उनके साथ खड़े हैं.

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस से संक्रमित डॉ. जोगिंदर चौधरी की एक सप्ताह पहले सर गंगा राम अस्पताल में देहांत हो गया था. उनकी कोरोना रिपोर्ट 27 जून को पॉजिटिव आई थी. 27 जून को डॉ. जोगिंदर को अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण एलएनजेपी अस्पताल में रेफर कर दिया गया. स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर उन्हें 8 जुलाई को सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.

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वह अक्टूबर 2019 से दिल्ली सरकार के डॉ. बाबा साहब अंबेडकर मेडिकल हॉस्पिटल एंड कालेज में एड-हॉक पर जूनियर रेजिडेंट थे. वह तबीयत बिगड़ने से पहले 23 जून तक अस्पताल के फ्लू क्लीनिक विभाग में और फिर कैजुअल्टी वार्ड में काम कर रहे थे. वह मूलरूप से मध्य प्रदेश के नीमच जिले के एक गांव के रहने वाले थे और वह परिवार में एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. घर में उनके माता-पिता और दो छोटे भाई-बहन हैं. उसके पिता राजेंद्र चौधरी के पास थोड़ी सी जमीन है, जिसमें वे खेती करते है.