केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) का स्वास्थ्य (Health) बिगड़ने को लेकर सोशल मीडिया (Social Media) में चल रही रिपोर्टों पर विराम लगाते हुए सरकारी प्रवक्ता ने कहा है कि जो कुछ बताया जा रहा है वह पूरी तरह गलत और आधारहीन हैं. पत्र सूचना कार्यालय (PIB) के प्रधान महानिदेशक और केंद्र सरकार के प्रवक्ता सिंताशु कार (Sitanshu Kar) ने रविवार को ट्विटर पर लिखा है, ‘मीडिया के एक तबके में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ने को लेकर जो खबरें चल रही हैं, वह पूरी तरह गलत और निराधार है.’ उन्होंने आगे लिखा है, ‘मीडिया को इस तरह की अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी जाती है.’
उल्लेखनीय है कि अरुण जेटली ने नई सरकार द्वारा पेश किये जाने वाले 2019-20 के पूर्ण बजट को लेकर शुक्रवार को वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ अपने घर पर बैठक की है. हालांकि जेटली ने शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भी भाग नहीं लिया जिसमें सोलहवीं लोकसभा को भंग करने की सिफारिश की गई थी. इससे पहले खबरें आई थीं कि खराब सेहत की वजह से वित्त मंत्री अरुण जेटली के नई सरकार में मंत्री बनने की संभावना नहीं लगती. किडनी संबंधी बीमारी से ग्रसित जेटली का पिछले साल मई में किडनी प्रतिरोपण हुआ था.
Reports in a section of media regarding Union Minister Shri Arun Jaitley's health condition are false and baseless. Media is advised to stay clear of rumour mongering.
— Sitanshu Kar (@DG_PIB) May 26, 2019
Questions about @arunjaitley health understandable. He is recovering from a bout of chemo. But he is still in terrific form and his wit is firmly intact. Needs a little rest to get back his strength. All out good wishes. pic.twitter.com/5jX9TLiO1p
— Swapan Dasgupta (@swapan55) May 26, 2019
Everyone is discussing my friend @arunjaitley 's health, some out of genuine concern and some for loose talk. Let me share with you that I met him last evening, he is recovering well and is working behind the scenes. Friends and family have convinced him to stay away from public
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) May 26, 2019
पेशे से वकील रहे अरुण जेटली मोदी सरकार के अति महत्वपूर्ण मंत्री रहे हैं और कई बार सरकार के मुख्य संकट मोचक की भूमिका निभा चुके हैं. वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने संसद में अनेक आर्थिक विधेयक पारित कराए जिनमें वस्तु एवं सेवाकर (GST) प्रमुख है. मोदी सरकार के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले जेटली ने इस बार खराब सेहत की वजह से लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा. यह भी पढ़ें- Exit Poll: जेटली बोले-2019 का चुनाव परिणाम एक्जिट पोल के अनुरूप ही होगा
साल 2014 में वह अपना पहला लोकसभा चुनाव अमृतसर से हार गए थे. कई साल तक बीजेपी के प्रवक्ता रहे जेटली ने 47 साल की उम्र में संसद में प्रवेश किया था. तब वह गुजरात से राज्यसभा में मनोनीत किये गए थे. वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे.
भाषा इनपुट