नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी अपनी पार्टी के उम्मीदवार तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) का नामांकन रद्द होने पर प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश यादव ने कहा, ‘जब बीजेपी राष्ट्रवाद के नाम पर वोट करने की अपील कर रही है, तो उन्हें जवान का सामना करना चाहिए. जिन लोगों ने जवान को उसकी नौकरी से सिर्फ इसलिए बर्खास्त कर दिया, क्योंकि उसने खाने को लेकर शिकायत की थी, ऐसे लोग देशभक्त कैसे हो सकते हैं?’
यूपी के वाराणसी लोकसभा सीट (Varanasi Lok Sabha Seat) से सपा प्रत्याशी और बर्खास्त बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) के नामांकन को निर्वाचन अधिकारी ने रद्द कर दिया है. तेज बहादुर के नामांकन पत्र के कागजों में गड़बड़ी पाई गई थी, जिसके लिए वाराणसी के रिटर्निंग ऑफिसर ने उन्हें नोटिस देकर एक प्रमाण पत्र जमा करने को कहा गया था लेकिन वह नहीं कर पाए. इसके बाद नामांकन रद्द कर दिया है, फिलहाल वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. यह भी पढ़े-लोकसभा चुनाव 2019: तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द, वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
SP's Akhilesh Yadav on Varanasi candidate's nomination rejected: When they are asking for votes in the name of nationalism, they should have faced a soldier. People who dismissed him from his job because he complained about food, how can those people be called real patriots? pic.twitter.com/essvzB27gZ
— ANI UP (@ANINewsUP) May 1, 2019
नामांकन रद्द होने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए तेज बहादुर (Tej Bahadur Yadav) ने प्रशासन पर तानाशाही रवैया अख्तियार करने का आरोप लगाया. अब तेज बहादुर (Tej Bahadur Yadav) इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपील करेंगे.
सपा प्रत्याशी तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) ने कहा, मेरा नामांकन रद्द हुआ, जो पूरी तरह से गलत था. प्रशासन का तर्क है कि जो सबूत मांगा गया था, वह आप पेश नहीं कर पाए, जबकि हमसे जो सबूत मांगे गए थे, वह शाम को 6.15 बजे मांगे गए थे, मैंने कहा कि मैं कोई अंबानी या अडाणी नहीं हूं, जो चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली जाऊंगा, लेकिन फिर भी मैंने कोशिश की और हमारे सबूत भी आ गए, लेकिन मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया, जो कि तानाशाही रवैया है.