Rahul Gandhi के खिलाफ मानहानि मामले में बयान दर्ज कराने के बाद सुशील मोदी ने कहा- 'कांग्रेस एक डूबता जहाज'
सुशील मोदी (Photo Credits: IANS)

भाजपा के राज्यसभा सदस्य और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को मानहानि के एक मामले में अपना बयान दर्ज कराया, जिसे उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर किया था, जिसमें राहुल ने कहा था कि 'सभी मोदी चोर हैं'. यह भी पढ़ें: UP: अयोध्या के बाद अब श्री कृष्ण जन्मभूमि की बारी, योगी सरकार का फैसला, ब्रज के कायाकल्प के लिए खर्च होंगे 16000 करोड़

उन्होंने इसी साल 12 अप्रैल को विधायक-एमएलसी के लिए विशेष पटना कोर्ट में केस दर्ज कराया था.गांधी ने अप्रैल 2019 में कर्नाटक में एक जनसभा के दौरान देश में नोटबंदी लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि 'आम लोगों का पैसा उनके 15 उद्योगपति मित्रों को दिया जाएगा'.

राहुल ने कहा था, "पीएम नरेंद्र मोदी लोगों से कह रहे हैं कि यह काले धन के खिलाफ लड़ाई है, आपको बैंकों की कतारों में खड़ा किया जा रहा है, आपकी जेब से पैसा निकालकर बैंकों में जमा किया जा रहा है और फिर आपको अपने पैसे के बारे में पता चलता है कि 35,000 करोड़ रुपये लेकर देश से भागे नीरव मोदी ने आपके पैसे ले लिए हैं."उन्होंने कहा, "नीरव मोदी के अलावा नामों की एक लंबी सूची है, मेहुल चोकसी और ललित मोदी भी सूची में हैं.अब मैं एक छोटा सा सवाल पूछना चाहता हूं.सभी चोरों के नाम मोदी क्यों होते हैं.. नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी और अगर हम और खोजेंगे, तो हमें कुछ और मोदी मिलेंगे

सुशील मोदी ने इसे मोदी उपनाम वाले लोगों पर अपमानजनक बयान करार दिया.सुशील मोदी ने कहा, "राहुल गांधी ने एक बयान में कहा था कि मोदी उपनाम वाले सभी लोग चोर हैं. यह उपनाम रखने वालों के खिलाफ राहुल गांधी का अपमानजनक बयान है.उन्होंने मोदी उपनाम वाले लोगों का मजाक उड़ाया है. चुनाव के समय उनका बयान मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है. इसलिए, मैंने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है."

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक डूबता जहाज है और इससे गठबंधन करने के बाद उस जहाज पर सवार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी डूब जाएंगे उन्होंने कहा, "जदयू की उलटी गिनती अब शुरू हो गई है. राजद को सरकार बनाने के लिए सिर्फ 4 से 5 विधायकों की जरूरत है और हम के 4 विधायक कभी भी अपना गोलपोस्ट बदल सकते हैं. नीतीश कुमार अपने जद-यू को विभाजन से नहीं बचा सकते. आईआरसीटीसी घोटाले में तेजस्वी यादव जेल गए तो बिहार में जदयू राजद को तोड़ देगी। दोनों पार्टियां एक-दूसरे की पार्टियों को तोड़ने के मौके तलाश रही हैं."