जयपुर: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन अभी भी जारी है. वहीं गैर-बीजेपी शासित राज्यों में भी नागरिकता कानून को लेकर राज्य सरकार मोर्चा खोले हुए है. केरल और पंजाब सरकार ने नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया. दोनों राज्यों में यह प्रस्ताव पास भी हो गया. इसी कड़ी में अब राजस्थान की गहलोत सरकार नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने वाली है. इन राज्यों के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सरकार भी कहना है कि राज्य में CAA को लागू नहीं करेंगे.
नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है. गैर बीजेपी शासित राज्य CAA को लागू करने से इनकार कर रहे हैं. केरल सरकार CAA को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई. इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, यह कहना कि वे (राज्य) इसे लागू नहीं करेंगे, कानून के खिलाफ है. ऐसा कहना असंवैधानिक है. उन्होंने कहा, इस देश में हर किसी की जिम्मेदारी है कि संसद में पारित कानून को लागू करे.
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CAA पर बोलीं वित्त मंत्री-
वित्त मंत्री ने कहा, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के 566 मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता दी गई थी. सिर्फ 2016-18 में मोदी सरकार ने 1,595 पाकिस्तानी शरणार्थियों और 391 अफगानी मुस्लिमों को नागरिकता दी है. वित्त मंत्री ने कहा, 2016 में ही पाकिस्तान से आए गायक अदनान सामी को नागरिकता दी गई, जो अपने आप में उदाहरण हैं. वहीं बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन को भी नागरिकता दी गई. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, नागरिकता संशोधन कानून शरणार्थियों को बेहतर जिंदगी देगा. हम किसी की नागरिकता खत्म नहीं कर रहे, बल्कि इससे नागरिकता दी जाएगी.
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि वे नागरिकता संबंधी कानून को लागू करने को बाध्य हैं. जब भी कोई निर्णय केंद्र सरकार लेती है या कोई कानून संसद द्वारा बनाया जाता है तो राज्यों को उसे लागू करना ही होता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, दुर्भाग्य से आज कुछ लोग राजनीतिक दुष्प्रचार के जरिए अपनी सांविधानिक प्रतिबद्धता के खिलाफ जा रहे हैं.