भोपाल. बाबरी मस्जिद गिराए जाने को 'गर्व' बताने को लेकर तीन दिन के लिए चुनाव प्रचार से आयोग द्वारा वंचित किए जाने के बाद मध्य प्रदेश के भोपाल संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने गुरुवार को मंदिरों में दस्तक दी और मौन रहीं। कांग्रेस ने प्रज्ञा के प्रचार के इस तरीके को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए निर्वाचन आयोग से शिकायत की है। प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव प्रचार पर गुरुवार सुबह छह बजे से 72 घंटे के लिए रोक लगाई गई है।
प्रज्ञा ने गुरुवार सुबह भवानी मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इस दौरान बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उसके साथ रहे। इसके बाद प्रज्ञा ने एक गोशाला पहुंचकर गायों को चारा खिलाया और गाय के बच्चों को दुलार दिया। उनके साथ चल रहे कार्यकर्ताओं ने 'साध्वी के संघर्ष की कहानी' शीर्षक पुस्तिका की प्रतियां बांटी।
चुनाव प्रचार पर रोक के बावजूद प्रज्ञा ठाकुर की सक्रियता बनी रहने पर कांग्रेस ने ऐतराज जताया है। कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय को शिकायत सौंपी। 'साध्वी के संघर्ष की कहानी' पुस्तिका बांटे जाने की शिकायत भी की गई। यह भी पढ़े-EC ने लगाया 72 घंटो का बैन तो साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने अपनाया 'योगी फॉर्मूला- मंदिर जाकर की पूजा और गाय भजन
कांग्रेस का आरोप है कि प्रज्ञा ठाकुर ने भाजपा नेताओं के साथ पीरगेट चौराहा, सोमवारा, गुफा मंदिर और लालघाटी इलाके में जुलूस निकाला। प्रतिनिधिमंडल में प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा, जे.पी. धनोपिया सहित अन्य नेता भी शामिल थे।
प्रज्ञा ठाकुर ने पहले मुंबई के एटीएस प्रमुख रहे हेमंत करकरे की 26 नवंबर, 2008 को आतंकवादियों की गोली से शहादत को अपना श्राप बताया था। उनके इस बयान का मामला जब तूल पकड़ने लगा, तब उन्होंने बयान वापस लेते हुए माफी मांग ली थी। इसके बाद बाबरी मस्जिद गिराए जाने पर 'गर्व' होने की बात कही थी।
दोनों मामलों में आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया था और थाने में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला भी दर्ज हुआ था। प्रज्ञा के चुनाव प्रचार पर तीन दिन के लिए रोक लाई गई है। भोपाल में प्रज्ञा ठाकुर का मुकाबला कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से है। मतदान 12 मई को होना है। प्रचार 10 मई को थम जाएगा।