नयी दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी दलों की एकजुटता के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुये कहा है कि विपक्षी दलों के नेता का चयन चुनाव के बाद ही होगा. प्राथमिकता प्रधानमंत्री पद के चेहरे की नहीं बल्कि एकजुट होकर चुनाव जीतने की है. चिदंबरम ने गुरुवार को लोकमत मीडिया समूह के सम्मेलन में कहा कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद संप्रग के घटक दलों में आपसी विश्वास बढ़ने का हवाला देते हुये चिदंबरम ने कहा ‘‘जहां तक प्रधानमंत्री पद के लिये ‘चेहरे’ का सवाल है तो हम सब मिलकर इसे चुनाव के बाद तय कर लेंगे. यह बात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं.’’
महागठबंधन के स्वरूप के सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कोई एक गठजोड़ होने के बजाय राज्यों की परिस्थितियों के आधार पर अलग अलग राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ गठजोड़ किया जायेगा. गठजोड़ के नेतृत्व के सवाल पर उन्होंने कहा ‘‘जिस राज्य में जो दल मजबूत होगा उस राज्य में गठबंधन की कमान उसी दल के हाथ में होगी.’’ उन्होंने उदाहरण देते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा बसपा को अहमियत देनी होगी, इसी तरह जहां कांग्रेस मजबूत है वहां गठबंधन की कमान कांग्रेस के हाथ में होगी. सभी दलों के नेताओं ने तय किया है कि प्रधानमंत्री पद का चेहरा चुनाव के बाद ही तय होगा.’’
यह भी पढ़े: इन 5 अहम कारणों के चलते राहुल गांधी ने कमलनाथ को बनाया MP का कैप्टन
चिदंबरम ने कहा कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम में मोदी सरकार के प्रति किसान, रोजगार और आर्थिक बदहाली पर जनता के गुस्से का इजहार साफ दिखता है. यह गुस्सा अगले आम चुनाव में और अधिक बढ़ेगा क्योंकि चुनाव से पहले अगले 100 दिनों में परिस्थितियां सुधरने की लोगों को कोई उम्मीद नहीं है.
राहुल गांधी के बार बार मंदिर जाकर नरम हिंदुत्व का संदेश देने के सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि मीडिया ने कांग्रेस की छवि हिंदू विरोधी बना दी है जबकि हकीकत यह है कि कांग्रेस हमेशा से धर्मनिरपेक्ष दल रही है और हमेशा रहेगी. बीजेपी पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुये उन्होंने कहा ‘‘हम कभी किसी से उसकी विपरीत आस्था के आधार पर देश छोड़ने के लिये नहीं कह सकते हैं. उनकी इस प्रवृत्ति के कारण ही जनता में गुस्सा बढ़ा है.’’
सम्मेलन में मौजूद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कानून या अध्यादेश के माध्यम से राम मंदिर का निर्माण करने के सवाल पर कहा ‘‘यह संभव है अगर कांग्रेस संसद में सत्तापक्ष का समर्थन कर दे. वैसे भी राहुल गांधी इन दिनों खूब मंदिर जा रहे हैं, अगर वह कानून का समर्थन करने के लिये सहमत हों तो आसानी से कानून बन जायेगा.’’
महागठबंधन के सवाल पर फडणवीस ने कहा ‘‘लोगों का विश्वास मोदी जी में है क्योंकि लोगों को पता है कि महागठबंधन से खिचड़ी सरकार बनेगी. लोगों को निर्णायक सरकार चाहिये और जनता को अहसास है कि निर्णायक सरकार मोदी ही दे सकते हैं.’’
सम्मेलन में मौजूद केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने हाल के चुनाव में बीजेपी की हार के लिये पार्टी नेताओं के अहंकार को मुख्य वजह होने की बात को खारिज करते हुये कहा कि यह अहंकार नहीं आत्मविश्वास है. उन्होंने कहा ‘‘अहंकार में आप दूसरे को सुनते और समझते ही नहीं हैं। जबकि हमारा मूलमंत्र ही सबका साथ सबका विकास है.’’