कोलकाता, 21 जुलाई : पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के घुसुरी में बुधवार को जहरीली शराब की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई, स्थानीय लोगों ने कहा कि मलीपंचघोरा पुलिस थाने में पुलिस ने हत्यारे के खिलाफ कई शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया. जहां मंगलवार की रात पीड़ितों ने जहरीली शराब का सेवन किया. स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि संयुक्त के मालिक प्रताप करमाकर का सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में बहुत दबदबा है और इसलिए पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच कर रही है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व में कई बार स्थानीय पुलिस और राज्य के आबकारी विभाग द्वारा क्षेत्र में अवैध शराब कारखानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, लेकिन हर बार कर्माकर संयुक्त कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्रवाई से बचने में सफल रहा.
बुधवार दोपहर जब स्थानीय तृणमूल कांग्रेस विधायक और राज्य मंत्री अरूप राय घुसुरी पहुंचे तो इलाके की महिलाओं ने स्थानीय पुलिस के खिलाफ शिकायत की. उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने कर्माकर के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज होने के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. महिलाओं ने यह भी शिकायत की कि मलीपंचघोरा पुलिस स्टेशन में पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया जब उन्होंने कर्माकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. यह भी पढ़ें : कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय से गुजरात चुनाव में पार्टी का समर्थन करने की अपील की
रॉय ने कहा कि राज्य सरकार पर्याप्त मुआवजा देगी और पीड़ितों के परिवारों की देखभाल करेगी. रॉय ने कहा, "साथ ही, मैं यह कहना चाहूंगा कि त्रासदी के लिए जिम्मेदार किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा." यह कहते हुए कि पश्चिम बंगाल राज्य सरकार ने हाल ही में देशी शराब की होम डिलीवरी की शुरूआत की, राज्य भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा, "शराब और लॉटरी राज्य सरकार के साथ-साथ सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के लिए राजस्व सृजन के दो रास्ते हैं. यही कारण है कि पुलिस चुप हैं और आम लोग पीड़ित हैं."