अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को देश को समर्पित किया. पीएम मोदी के अनावरण के बाद भारतीय वायुसेना के तीन विमानों ने उड़ान भर केसरी, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरा. वायुसेना ने अपने अंदाज में सरदार पटेल को सलामी दी. आजाद भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की यह मूर्ति 182 मीटर उंची है. जो विश्व में सबसे ऊंची है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल के मूर्ति का अनावरण करने के बाद कहा कि आज पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है. उन्होंने कहा प्रतिमा हमारी भावी पीढ़ी को साहस और संकल्प की याद दिलाएगी. पीएम मोदी ने कहा देश को टुकड़े होने से बचाने के लिए सरदार पटेल ने सराहनीय काम किया. उन्हें मैं ह्रदय से नमन करता हूं.
#WATCH: Inauguration of Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity by PM Modi in Gujarat's Kevadiya pic.twitter.com/PKMhielVZo
— ANI (@ANI) October 31, 2018
पीएम मोदी ने कहा कि सरदार जी के एक बार आह्वान पर देश के राजाओं ने बड़ा त्याग किया था. इसे कभी हमे नहीं भूलना चाहिए.
I am amazed when some people of our own country dare to see this initiative from a political view & criticise us like we have committed a huge crime. Is remembering country's great personalities a crime?: PM Modi. #StatueOfUnity pic.twitter.com/w4tLYu1kFJ
— ANI (@ANI) October 31, 2018
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मूर्ति निर्माण में खर्च हुए हैं 3000 करोड़ रुपये
मूर्ति के निर्माण के लिए केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद अक्टूबर 2014 मेंलार्सन एंड टूब्रो कंपनी को ठेका दिया गया था. इसके निर्माण में करीब 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस मूर्ति में 4 धातुओं का उपयोग किया गया है जिसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी. स्टैच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है.
यह है खासियत
- यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. इसके बाद चीन की स्प्रिंग बुद्ध की प्रतिमा है, जो 128 मीटर ऊंची है. प्रतिमा बांध से 7 किमी दूर से ही नजर आएगी. न्यूयॉर्क की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी 93 मीटर ऊंची है.
- प्रतिमा के चेहरे का डिजाइन तय करने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट ने 10 लोगों की एक समिति बनाई गई थी. समिति की काफी माथापच्ची के बाद चेहरे का डिजाइन तय हुआ. प्रतिमा का चेहरा 30 फीट का है.
- इस प्रतिमा के अंदर लिफ्ट भी लगी है, इस लिफ्ट से पर्यटक सरदार पटेल के हृदय तक जा सकेंगे. यहां से बांध के अलावा नर्मदा के 17 किमी लंबे तट पर फैली फूलों की घाटी देख सकेंगे. साथ ही वे यहां बनी गैलरी भी देख सकेंगे.
- सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा की ऊंचाई 182 मीटर इसलिए रखी गई है, क्योंकि गुजरात विधानसभा में 182 सीट हैं.
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बनाने में पांच साल लगे. सबसे कम समय में इतनी बड़ी और खास बनने वाली यह दुनिया की पहली प्रतिमा है.
- प्रतिमा को बनाने में 2,989 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इसे बनाने में 4,076 कर्मचारी लगे थे, जिनमें 200 चीन के थे.
- यह प्रतिमा भूकंपरोधी भी है. चीफ इंजीनियर के मुताबिक, प्रतिमा का निर्माण भूकंपरोधी तकनीक से किया गया है. इस पर 6.5 तीव्रता का भूकंप और 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं का भी असर नहीं होगा.
- इसकी समुद्रतल से ऊंचाई 237.35 मीटर है. भूकंपरोधी होने के साथ-साथ यह प्रतिमा जंगरोधी भी है. शिल्पकार राम सुथार का कहना है कि प्रतिमा को सिंधु घाटी सभ्यता की समकालीन कला से बनाया गया है.
- इसमें चार धातुओं के मिश्रण का उपयोग किया गया है. इससे इसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी. प्रतिमा में 85 फीसदी तांबा इस्तेमाल किया गया है.
PM Narendra Modi inaugurates Sardar Vallabhbhai Patel's #StatueOfUnity, the world's tallest statue pic.twitter.com/69zbbVpY7C
— ANI (@ANI) October 31, 2018
380 रूपये में क्या-क्या दिखेगा
सरदार पटेल की स्टैच्यु ऑफ यूनिटी के दो तरह के टिकट हैं. पहला टिकट 380 रुपए का है जिसमें बस किराया 30 रुपया शामिल है. इसमें सरदार पटेल की मूर्ति के सीने के पास बनाए गए दर्शन डेक के पास खड़े होकर प्रतिमा देखने का मौका मिलेगा. 182 मीटर ऊंची मूर्ति के 153 मीटर की ऊंचाई पर यह गैलरी बनाई गई है जिस जगह पर एक साथ 200 लोग खड़े हो सकते हैं. यहां तक ले जाने के लिए फास्ट लिफ्ट है. इसके अलावा 380 रुपए के इस टिकट में वैली ऑफ फ्लावर यानी फूलों की घाटी, मेमोरियल, संग्रहालय और सरदार सरोवर डैम को देखना शामिल है. 3 साल के कम उम्र के बच्चों का टिकट नहीं लगेगा जबकि उससे ज्यादा उम्र के सारे लोगों के लिए टिकट का रेट एक जैसा है.