नई दिल्ली: लद्दाख (Ladakh) में चीन (China) की दुस्साहस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा है कि भारतीय जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. भारत शांति चाहता है, लेकिन अपनी अखंडता पर समझौता नहीं करेगा और जरुरत पड़ने पर जवाब बखूबी देगा. गौर हो कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सोमवार रात को चीनी सैनिकों के साथ हुई हिसंक झड़प में अधिकारी सहित 20 भारतीय जवान शहीद हो गए.
पीएम मोदी ने बुधवार को एक वीडियो संदेश में कहा “मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता. भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है. India-China Face-Off in Ladakh: भारत-चीन गतिरोध पर अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा-चीन पड़ोसियों को उकसा रहा, उन पर प्रहार कर रहा है
#WATCH India wants peace but when instigated, India is capable of giving a befitting reply, be it any kind of situation: Prime Minister Narendra Modi pic.twitter.com/rJc0STCwBM
— ANI (@ANI) June 17, 2020
प्रधानमंत्री ने आगे कहा “भारत शांति चाहता है, लेकिन उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है. हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा, कि वे मारते मारते मरे है.” India-China Face-Off in Ladakh: गलवान झड़प में चीन के 35 जवान हताहत हुए
उधर, चीन ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद बुधवार को दावा किया कि घाटी की सम्प्रभुता हमेशा से उसी की रही है. जबकि भारत ने दावा किया कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास से हुई है. India-China Face-Off in Ladakh: चीन के प्रति भारत में गुस्सा, वाराणसी-अहमदाबाद और पटना में विरोध प्रदर्शन सहित चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला लोगों ने जलाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्र में तनाव की स्थिति पर चर्चा के लिए सोमवार रात रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और थलसेना प्रमुख एम एम नरवणे के साथ अहम बैठक की. जबकि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीन सेवा प्रमुखों के साथ बुधवार को पूर्वी लद्दाख के हालात का जायजा लिया.