पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ हिंसक झड़प में चीनी सेना के 35 जवान हताहत हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों के हवाले से बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस संख्या में मारे गए जवान और घायल हुए जवान दोनों शामिल हो सकते हैं।
सूत्रों ने अमेरिकी खुफियो रिपोर्टों के हवाले से कहा कि चीनी पक्ष के 35 जवान हताहत हुए हैं।
चीन ने झड़प में अपनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के हताहत हुए जवानों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है।
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गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में इस सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण दोनों देशों के बीच सीमा पर पहले से जारी गतिरोध की स्थिति और गंभीर हो गई है।
सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि चीनी पक्ष के जवान भी ‘‘उसी अनुपात में हताहत’’ हुए हैं, लेकिन उन्हें स्पष्ट रूप से यह जानकारी नहीं है कि झड़प में कितने जवान हताहत हुए हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीन सेवा प्रमुखों के साथ बुधवार को पूर्वी लद्दाख में समग्र हालात की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्र में हालात पर चर्चा के लिए सोमवार रात रक्षा मंत्री के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और थलसेना प्रमुख एम एम नरवणे के साथ बैठक की।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि झड़प में कम से कम चार भारतीय जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
वर्ष 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’’ के कारण हुई।
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