Delhi-Mumbai Expressway: PM मोदी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले फेज का उद्घाटन किया, अब सिर्फ 2 घंटे में पहुंचे जयपुर
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Delhi Mumbai Expressway First Phase Inauguration,  12 फरवरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के दौसा में देश के पहले ग्रीन कॉरिडोर ई-वे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले फेज  का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा "दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, ये राजस्थान की, देश की प्रगति के दो मजबूत स्तंभ बनने वाले हैं. ये परियोजनाएं आने वाले समय में राजस्थान सहित इस पूरे क्षेत्र की तस्वीर बदलने वाले हैं."

पीएम मोदी ने कहा "जब ऐसी आधुनिक सड़कें बनती हैं, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, मेट्रो बनते हैं तो देश की प्रगति होती है. बीते 9 वर्षों से केंद्र सरकार भी निरंतर इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत बड़ा निवेश कर रही है. इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाला निवेश, उससे भी अधिक निवेश को आकर्षित करता है. इस साल के बजट में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 10 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. यह राशि 2014 में प्रावधानित राशि का पांच गुना है. इस निवेश से राजस्थान को काफी फायदा होने वाला है."

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की खासियत

246 किलोमीटर लंबा दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड रविवार से जनता के लिए खुला रहेगा, जिससे दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय पांच घंटे से घटकर लगभग दो घंटे हो जाएगा. यह एक्सप्रेसवे अब तक 246 किलोमीटर तक बन गया है. यानी दिल्ली-दौसा-लालसोट फेज बनकर तैयार है, इसे विकसित करने में करीब 12,150 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आई है. इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. ये भी पढ़ें- UP में निवेश की होड़, जापानी Hotel ग्रुप उत्तर प्रदेश में खोलेगा 30 नए होटल, 7200 करोड़ रुपये का हुआ समझौता

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की कुल 1,386 किमी लंबाई है और 98,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है. इतनी लंबी दूरी का देश में ये पहला एक्सप्रेसवे होगा. इससे दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा की दूरी 12% कम हो जाएगी. ऐसे में यात्रा का समय भी 50% घट जाएगा. पहले 24 घंटे का वक्त लगता था और अब 12 घंटे हो जाएगा.

ये एक्सप्रेस-वे छह राज्यों से होकर गुजरेगा. दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात से महाराष्ट्र पहुंचेगा और कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगा. यह भारत और एशिया का पहला एक्सप्रेस-वे है, जिसमें पशु ओवरपास और अंडरपास बनाया गया है. रणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए इसे डिजाइन किया गया है.