Pahalgam Attack: पीएम मोदी ने सेना को दी खुली छूट, कहा- कार्रवाई का टाइम और टारगेट करें तय
PM Narendra Modi | PTI

नई दिल्ली: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हो गए. इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक हाई लेवल सुरक्षा बैठक बुलाई, जिसमें देश के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी मौजूद थे. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भाग लिया.

सेना को दी गई खुली छूट

बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, "आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है." उन्होंने सेना को खुली छूट देते हुए भरोसा जताया कि भारत की सेनाएं अपनी पेशेवर क्षमताओं से आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब देंगी. अब सुरक्षा बलों को लक्ष्य, समय और प्रतिक्रिया के तरीके तय करने की पूरी ऑपरेशनल स्वतंत्रता मिल गई है.

सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर

बैठक में हमले के बाद की सुरक्षा स्थिति, जारी ऑपरेशनों, और भविष्य की रणनीति पर लगभग 90 मिनट तक गहन चर्चा हुई. घाटी में कॉम्बिंग ऑपरेशन तेज कर दिए गए हैं. सुरक्षाबलों को संदेह है कि हमले के पीछे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों का हाथ है. ऐसे में एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी सुरक्षा और निगरानी बढ़ा दी गई है.

पाकिस्तान पर सख्ती: सिंधु जल संधि स्थगित

पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए 'सिंधु जल संधि' को सस्पेंड कर दिया है. यह फैसला प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में लिया गया. 1960 की यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच एक जल समझौता था, जिसे अब तक कभी नहीं तोड़ा गया था — यह पहली बार है जब भारत ने इसे स्थगित किया है.

विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सिंधु जल संधि पर रोक तब तक लागू रहेगी, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता.

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