देश में पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel Price) की कीमतें अभी भी आसमान पर हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकार ईंधन के दामों में थोड़ी रियायत दे चुकी है लेकिन बावजूद इसके पेट्रोल-डीजल के दाम जनता की जेब ढीली कर रहे हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत देश के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों नजदीक है और पेट्रोल के ये बढ़े हुए दाम बीजेपी के लिए नुकसान देने वाले साबित हो सकते हैं. मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि, वित्तीय समावेशन में चीन, जर्मनी से आगे निकला भारत.
केंद्र की कोशिश है कि ईंधन के दामों में थोड़ी और राहत दी जाए. ऐसे में पेट्रोलियम मंत्रालय ने मंगलवार को एक बैठक में बड़ा फैसला किया है जिससे आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल की कीमतें नीचे आने की उम्मीद है.
रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जल्द ही कमी आने की संभावना है. हाल ही में सरकार ने दिवाली पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर लोगों को राहत दी थी. अब एक बार फिर सरकार आम लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने की योजना बना रही है.
रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए भारत अपने रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व) से 50 लाख बैरल कच्चा तेल रिलीज करने की योजना बना रहा है. इस कदम के बाद ईंधन की बढ़ती कीमतों से लोगों को निजात मिल सकती है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक रणनीतिक भंडार से निकाले गए इस कच्चे तेल को मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) को बेचा जाएगा. ये दोनों सरकारी तेल रिफाइनरी यूनिट रणनीतिक तेल भंडार से पाइपलाइन के जरिये जुड़ी हुई हैं.
अगर सरकार इस पर विचार करती है तो पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर काबू पाया जा सकता है. भारत ने अमेरिका, चीन और अन्य दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ बाजार में ज्यादा कच्चा तेल लाने पर काम कर रहा है. अगले 7-10 दिन में यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. अधिकारी ने कहा कि जल्द ही औपचारिक घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा जरूरत पड़ने पर भारत अपने रणनीतिक भंडार से अधिक कच्चा तेल निकालने का फैसला कर सकता है.