Circumcision: बच्चों के खतना को गैर जमानती अपराध घोषित करने की मांग, केरल HC में याचिका दायर

केरल उच्च न्यायालय में शुक्रवार को एक याचिका दायर कर बच्चों का गैर-चिकित्सीय खतना कराने को अवैध और गैर ज़मानती अपराध घोषित करने का आग्रह किया गया है.

Kerala High Court (Photo Credit : Twitter)

कोच्चि, 10 फरवरी: केरल उच्च न्यायालय में शुक्रवार को एक याचिका दायर कर बच्चों का गैर-चिकित्सीय खतना कराने को अवैध और गैर ज़मानती अपराध घोषित करने का आग्रह किया गया है.

यह याचिका ‘नॉन-रिलीजस सिटिजंस’ नामक संगठन ने दायर की है. इसमें केंद्र सरकार को भी खतना की प्रथा को रोकने को लेकर कानून बनाने पर विचार करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि खतना करना बच्चों के मानवाधिकारों का उल्लंघन है. याचिका में दलील दी गई है कि खतना की वजह से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं. उसमें कहा गया है कि खतना की प्रथा बच्चे पर उसके माता-पिता द्वारा एकतरफा फैसला लेकर थोपी जाती है, जिसमें बच्चों की मर्जी शामिल नहीं होती है.

याचिका के मुताबिक, यह अंतरराष्ट्रीय संधियों के प्रावधानों का साफ उल्लंघन है. याचिका में आरोप लगाया है कि देश में खतना की प्रथा की वजह से कई नवजातों की मौत की घटनाएं हुई हैं. उसमें कहा गया है कि खतना की प्रथा ‘क्रूर, अमानवीय और बर्बर’ और यह संविधान में निहित बच्चों के मौलिक अधिकारों, ‘जीवन के अधिकार’ का उल्लंघन है.

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