भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के पक्ष में बोलने पर जस्टिस काटजू के खिलाफ याचिका दर्ज
पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू और नीरव मोदी (Photo Credits: File Photo)

नई दिल्ली, 17 सितम्बर: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेसी कोर्ट के समक्ष भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी (Nirav Modi) के प्रत्यर्पण के मामले में नीरव की ओर से गवाही देते हुए भारतीय न्यायपालिका की अखंडता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. इसके चलते शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका दायर कर काटजू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है.

नंद किशोर गर्ग ने अधिवक्ता शशांक देव सुधी के माध्यम से यह जनहित याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है, "भारतीय न्यायपालिका को इस मुद्दे को लापरवाही से नहीं लेना चाहिए क्योंकि इस तरह के अपमानजनक बयान ने पूरी न्यायपालिका को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरों में संदेहजनक बना दिया है. नियमित तौर पर ऐसे झूठे आरोपों को रोकने के लिए सक्रिय रूप से कार्रवाई कर भारतीय न्यायपालिका के गौरव को भुनाने का यह सटीक समय है."

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इसमें तर्क दिया गया कि काटजू के दिए गए बयान बेहद अपमानजनक हैं और इससे भारत की संपूर्ण न्याय प्रणाली की मानहानि होती है. याचिका के मुताबिक, काटजू ने आरोप लगाया था कि भारत में न्यायपालिका का 50 प्रतिशत हिस्सा भ्रष्ट है, ऐसे में पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी को देश में निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा.