नई दिल्ली, 28 जुलाई : आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने केंद्र सरकार से प्रश्न किया है कि क्यों गुजरात में जहरीली शराब मामले की जांच सीबीआई से नहीं करवाई जा रही है. गौरतलब है कि हाल ही में दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी की जांच के आदेश दिए हैं. अब आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर हमलावर हो गई है. गुजरात में जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत के मामले पर दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि जब भी सांसद, संसद में इस मुद्दे को उठाने की कोशिश करते हैं तो भाजपा वाले मुद्दा ही बदल देते हैं. ह्यआप' ने कहा कि शराब बंदी के बावजूद गुजरात की हर घर-गली में शराब उपलब्ध है. इससे स्पष्ट है पूरे गुजरात में एक गैर-कानूनी शराब का नेटवर्क चल रहा है. सीबीआई की जांच दिल्ली में हो रही है और शराब माफिया गुजरात में फल-फूल रहा है.
आप विधायक दिलीप पांडेय ने कहा कि भाजपा दिल्ली में भी गुजरात जैसा माहौल पैदा करना चाहती है इसलिए दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति का बार-बार विरोध करती है. राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि भाजपा इन मौतों की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है. गुजरात में बीजेपी की सरकार है, उन्हीं के संरक्षण में जहरीली शराब लगातार बेची जा रही है. यह भी पढ़ें : भाजपा नेता के घर पर गोलीबारी करने के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार
आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडेय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के दोहरेपन की आज पोल खुल गई है. गुजरात में जहरीली शराब पीने से जो मौते हो रही हैं, उनके लिए सिर्फ और सिर्फ भाजपा जिम्मेदार है. सीबीआई गुजरात में कार्रवाई करने की बजाय दिल्ली में कार्रवाई कर कर रही है. गुजरात में जहरीली शराब पीने से 55 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में गुजरात जैसा माहौल नहीं बननी देगी. भाजपा को दिल्ली के अंदर जहरीली शराब नहीं बेचने देगी.
आम आदमी पार्टी ने गुजरात में बेची जा रही जहरीली शराब पीने से लगातार हो रही मौतों के खिलाफ बुधवार को भाजपा कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन भी किया. प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी के मंत्री, विधायक और कार्यकतार्ओं ने भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से अपने पद से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है. भाजपा की दिल्ली पुलिस ने इस प्रदर्शन को रोकने के लिए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जबरन हिरासत में लेकर बसों में भरा.