चंडीगढ़, 26 मई: चंडीगढ़ के एक वरिष्ठ कार्डियोवास्कुलर सर्जन ने शुक्रवार को एक सह-यात्री की जान बचाई, जिसे जापान से उड़ान भरते समय दिल का दौरा पड़ा था. यह घटना टोक्यो से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया के विमान में हुई.
हृदय रोग विशेषज्ञ की सलाह पर विमान को कोलकाता डायवर्ट किया गया जहां मरीज को अस्पताल ले जाया गया और उसकी जान बची. लेकिन इससे पहले चालक दल की मदद से मरीज को बचाने के लिए पांच घंटे की जद्दोजहद करनी पड़ी.
सर्जन दीपक पुरी ने नई दिल्ली पहुंचने पर कहा, हमें यकीन नहीं था कि अगर उड़ान चीन डायवर्ट की जाती तो हमें मदद मिल सकती है. इसलिए उड़ान पर उपलब्ध सीमित चिकित्सा संसाधनों के साथ रोगी को पांच घंटे तक जीवित रखना एक कठिन काम था.
उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि यह एआई 307 के कप्तान और चालक दल के सहयोग से हासिल किया जा सका.
पुरी ने आईएएनएस को बताया, मरीज को दिल का दौरा पड़ने पर, मैंने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन किया और उसे बचाया. लेकिन हम समुद्र के ऊपर थे और निकटतम गंतव्य कोलकाता था - पांच घंटे की दूरी पर. इसलिए हमारे लिए न्यूनतम संसाधनों के साथ उसे पांच घंटे तक स्थिर रखना एक चुनौतीपूर्ण काम था.
एयरलाइंस ने कोलकाता में लैंडिंग के लिए विशेष अनुमति की व्यवस्था की और लैंडिंग पर उसे निकटतम कार्डियक अस्पताल ले जाने के लिए एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की और रोगी को सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करने में सफल रही.
भावुक पुरी ने कहा, सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों ने मेरी बहुत सराहना की.. मेरी आंखों में आंसू आ गए.