VIDEO: सिंधु जल वार्ता से पहले पाकिस्तान के बदले सुर, लेकिन नहीं भूला सका कश्मीर पर अपना पुराना राग
अटारी बॉर्डर (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: कभी बात-बात पर परमाणु युद्ध की धमकी देने वाले पाकिस्तान (Pakistan) के सुर बदले-बदले से नजर आ रहे है. दरअसल भारत और पाकिस्तान के सिंधु आयोग के आयुक्तों की दो दिवसीय वार्षिक बैठक की शुरुआत मंगलवार को हो गई. लेकिन इससे पहले पाकिस्तान से आये प्रतिनिधिमंडल ने अपने प्रधानमंत्री इमरान खान का शांति पैगाम पढ़कर सबको हैरान कर दिया. भारत और पाकिस्तान के सिंधु आयुक्तों के बीच बातचीत शुरू

पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी आफताब हसन खान (Aftab Hasan Khan) ने कहा “पाकिस्तान अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है. यह केवल शांति के साथ संभव होगा और इसके लिए प्रबल होना चाहिए. मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए. विशेष रूप से 70 वर्षों से चले आ रहे है जम्मू और कश्मीर के मसले को बातचीत से सुलझा लेना चाहिए.”

इस बैठक में पाकिस्तान द्वारा चेनाब नदी (Chenab River) पर भारत की ओर से स्थापित की जा रही जल विद्युत परियोजना पर आपत्ति सहित कई मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है. स्थायी सिंध जल आयोग की यह वार्षिक बैठक दो साल बाद हो रही है. India-Pakistan Relations: भारत-पाकिस्तान में मेल-मिलाप की प्रक्रिया कश्मीर से शुरू होनी चाहिए : महबूबा मुफ्ती

बैठक में शामिल हुए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पीके सक्सेना कर रहे हैं और इसमें केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय बिजली प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय जल विद्युत ऊर्जा निगम के उनके सलाहकार शामिल हैं. पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सिंधु आयोग (पाकिस्तान) के आयुक्त सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह कर रहे हैं. पाकिस्तानी प्रतिधिनिमंडल सोमवार शाम को यहां पहुंचा.

वर्ष 2019 के अगस्त में भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मी को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को निष्क्रिय करने एवं राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में बांटने के बाद दोनों आयोगों की यह पहली बैठक हो रही है.