पटना: बिहार की राजधानी पटना में 23 जून यानी आज होने वाली विपक्ष की मेगा बैठक (Opposition Meeting) को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं के पटना पहुंचने का सिलसिला शुरू गया है. बीजेपी के खिलाफ मोर्चाबंदी के लिए पटना में विपक्षी दलों की यह बैठक होगी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने विपक्ष को एकजुट करने के लिए यह बैठक बुलाई है. इसमें राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत विपक्षी दलों के तमाम बड़े नेता शामिल होंगे. Opposition Meeting: पीएम मोदी के डर से एक हो रहा है विपक्ष? तेजस्वी यादव ने दिया ये जवाब.
इस बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कर रहे हैं. बैठक मुख्यमंत्री आवास ‘1 अणे मार्ग’ पर हो रही है. विपक्ष के कई प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पार्टी बीजेपी को कड़ी चुनौती देने के मकसद से एक मजबूत मोर्चा बनाने की रणनीति पर शुक्रवार को मंथन करेंगे.
ये दिग्गज होंगे शामिल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और विपक्ष के कई अन्य नेता इस बैठक में भाग लेने वाले हैं.
विपक्ष से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस बैठक को प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली सरकार का मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकजुटता की शुरुआत के रूप में देखा जा सकता है और बैठक के दौरान इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक बुनियादी रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया जा सकता है.
सीट शेयरिंग पर होगी चर्चा?
विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘यह तो बस शुरुआत है. विचारों का मिलना महत्वपूर्ण है. इस वक्त चुनावी रणनीति, नेतृत्व संबंधी सवाल और सीट के बंटवारे पर चर्चा होने की संभावना नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि बीजेपी को घेरने के लिए विपक्षी दल जिन मुद्दों को उठाएंगे, वे इस बैठक का शीर्ष एजेंडा होंगे और इस संदर्भ में मणिपुर हिंसा तथा इसमें केंद्र की कथित नाकामी पर चर्चा किए जाने की संभावना है.
केजरीवाल बैठक में उठाएंगे अध्यादेश का मामला
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश का मामला मीटिंग में उठाएंगे. कांग्रेस अगर अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल का समर्थन करने का ऐलान नहीं करती है तो वो मीटिंग से वॉकआउट कर सकते हैं. आप के इस इस रुख से विपक्षी एकजुटता की कवायद पर मतभेदों का साया पड़ गया है.