बेंगलुरु, 9 जुलाई: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि विवाह बंधन में बंधने वाले जोड़ों को शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि अब आपको अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सब रजिस्ट्रार ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है उन्होंने कहा, विवाहों के ऑनलाइन पंजीकरण का प्रावधान किया जाएगा. यह भी पढ़े: HC On No Sex After Marriage and Sec 498: कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला, शादी के बाद शारीरिक संबंध न बनाना IPC की धारा 498 के तहत क्रूरता नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा, कावेरी 2.0 सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन के माध्यम से पंजीकरण किया जाएगा विवाह का पंजीकरण बापू सेवा केंद्रों और ग्राम वन केंद्रों पर भी किया जा सकता है अब तक विवाह का पंजीकरण केवल उप निबंधन कार्यालयों में ही होता था मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के इस कदम से हिंदू कार्यकर्ता और भाजपा में नाराजगी है बजट पेश होने के तुरंत बाद कर्नाटक बीजेपी इकाई ने इस प्रावधान पर आपत्ति जताई थी हिंदू कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इससे हिंदू युवा लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ लव-जिहाद करने वाले तत्वों को मदद मिलेगी
अखिल भारतीय बजरंग दल के सह-संयोजक सूर्यनारायण ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि संगठन की ओर से हम निश्चित रूप से इस फैसले का विरोध करेंगे दूसरी बात यह कि यह व्यवस्था अच्छी नहीं है उन्होंने कहा, अगर हम राज्य के बजट पर नजर डालें तो इसमें केवल एक वर्ग को खुश करने की कोशिश की गई है, कई सुविधाएं जानबूझकर केवल अल्पसंख्यकों के लिए बनाई गई हैं और यह एक गंभीर मामला है
सूर्यनारायण ने बताया कि कई वर्गों में गरीब लोग हैं उनकी अनदेखी की गई है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है साथ ही कहा, ऑनलाइन पंजीकरण सुविधा प्रदान करने का यह कदम धर्म परिवर्तन कराने की साजिश प्रतीत होता है इससे माता-पिता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा सूर्यनारायण ने कहा, सरकार को इसे लागू नहीं करना चाहिए और विवाह पंजीकरण के लिए पुरानी पद्धति को जारी रखना चाहिए.
श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुथालिक ने कहा कि सरकार के फैसले के बाद लव-जिहाद के मामलों की संख्या बढ़ जाएगी उन्होंने कांग्रेस सरकार से विवाह के ऑनलाइन पंजीकरण की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया उन्होंने कहा कि इस प्रावधान के कारण हिंदू लड़कियां अधिक संख्या में लव-जिहाद का शिकार बनेंगी विवाहों के ऑनलाइन पंजीकरण के प्रस्ताव को वापस लिया जाना चाहिए और पिछली प्रणाली को जारी रखा जाना चाहिए। ऐसी संभावना है कि कुछ मुस्लिम और ईसाई युवा माता-पिता की जानकारी के बिना हिंदू लड़कियों के साथ अपनी शादी का ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं.
उन्होंने बताया कि अगर माता-पिता की जानकारी के बिना उन विवाहों को कानूनी मंजूरी मिल जाती है तो इससे लव-जिहाद को मदद मिलेगी प्रमोद मुथालिक ने कहा ऑफलाइन पंजीकरण में आपत्ति के लिए प्रावधान था लेकिन ऑनलाइन पंजीकरण में आपत्तियों का कोई प्रावधान नहीं है इसमें धोखाधड़ी की संभावना अधिक है सीधे रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर विवाह पंजीकृत कराने की प्रक्रिया उचित तरीका है उन्होंने मांग की कि ऑनलाइन विवाह पंजीकरण प्रणाली किसी भी कीमत पर लागू नहीं की जानी चाहिए.