Russia Ukraine War: केरल के त्रिशूर जिले के वडक्कांचेरी निवासी 32 वर्षीय बिनिल टीबी रूस-यूक्रेन युद्ध में ड्रोन हमले में मारे गए. इसके अलावा उनके रिश्तेदार जैन टीके गंभीर रूप से घायल हुए हैं. भारतीय दूतावास ने सोमवार को उनके परिवार को उनकी मृत्यु की सूचना दी. बिनिल और जैन के परिवार ने दावा किया कि दोनों को रूसी सेना द्वारा युद्ध क्षेत्र में भेजा गया था. बिनिल और जैन को एक एजेंसी ने इलेक्ट्रिशियन की नौकरी का झांसा देकर रूस भेजा था. वहां पहुंचने पर उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए और उन्हें युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया.
परिवार के सदस्यों के मुताबिक, शुरुआत में उनकी जिम्मेदारी सैनिकों को खाद्य सामग्री पहुंचाने की थी, लेकिन दिसंबर में उन्हें हथियार दिए गए और कम प्रशिक्षण के बाद सीधे मोर्चे पर भेज दिया गया.
बिनिल का अंतिम संदेश
बिनिल की पत्नी जोईसी जॉन, जो त्रिशूर के एक निजी मेडिकल कॉलेज में नर्स हैं, ने बताया कि बिनिल ने दिसंबर में आखिरी बार संदेश भेजा था. उसमें उन्होंने युद्ध क्षेत्र में भेजे जाने की जानकारी दी थी. जोईसी ने कहा, "हमने जून के बाद उनसे संपर्क खो दिया था. हमें लगा कि वे प्रशिक्षण में हैं. बाद में पता चला कि उनके पास मोबाइल और अन्य जरूरी सामान नहीं है."
युद्ध में भारतीयों का फंसना
गौरतलब है कि एजेंसियों द्वारा उच्च वेतन और रूसी नागरिकता का झांसा देकर कई भारतीयों को रूस भेजा गया है, जहां उन्हें मजबूरी में सेना में भर्ती होना पड़ रहा है. मई 2024 में पुलिस ने ऐसे चार एजेंटों को गिरफ्तार किया था. अब तक 45 भारतीयों को छुट्टी दी जा चुकी है, जिनमें से कुछ वापस लौट आए हैं.
भारत का रुख
भारत सरकार ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर शांति प्रयासों का समर्थन किया है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीय दूतावास लगातार रूसी अधिकारियों के संपर्क में है और फंसे हुए भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास कर रहा है. बिनिल की मौत ने इस घटना को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं, जहां मासूम लोगों को धोखे से युद्ध में झोंक दिया जा रहा है.